आबंटित दुकान को CMO ने बताया नियम विरूद्ध, खाली करवाने में अड़ी, उधर बुजुर्ग.. |

आबंटित दुकान को CMO ने बताया नियम विरूद्ध, खाली करवाने में अड़ी, उधर बुजुर्ग..

CMO, told the allotted shop, against the rules, stubborn to vacate, the elderly there,

Gidam

Gidam : पीडि़तों ने कलेक्टर से मदद की लगाई गुहार

-नियमो की अनदेखी हुई है तो पीडि़तों से किस आधार पर 1 लाख 70 हजार रुपये लिये

दंतेवाड़ा। Gidam : गीदम नगर में नया बस स्टैंड में नगर पंचायत के द्वारा बनवाई गई दुकानों में एक दुकान मीरा देवी शर्मा के नाम 6-11-2020 को आबंटित दुकान के नाम पर 1 लाख 70 हजार रुपये बतौर शुल्क जमा करवाया था।

जिसके बाद अब उसी दुकान को आबंटन नियम विरुद्ध बताते हुए तत्कालिक (Gidam cmo) सीएमओ खाली करवाने का नोटिस चस्पा बीते दो दिन पहले दुकान में लगवा दिया। जिसके चलते दुकानदार मीरा देवी मानसिक तनाव में आने की वजह से रोजी रोटी छीनने के भय से बीमार हो गयी है।

दरअसल बीते 15 वर्षो से 65 वर्षीय मीरा देवी नया बस स्टैंड में अपना रोजगार दुकान के माध्यम से चलाती थी, पूर्व में भी उनकी दुकान आबंटन को लेकर उन्हें नगर पंचायत ने दरकिनार किया था जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जहाँ से बिलासपुर हाई कोर्ट ने उनके प्रकरण में गीदम (Gidam) नगरपंचायत सीएमओ को तलब करते हुये 4 माह में प्रकरण निराकरण का आदेश दिया था।

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Gidam cmo

इन सबके बावजूद भी गीदम सीएमओ (Gidam cmo) ने जिन चार बिदुओं का हवाला देते हुये दुकान खाली करवाने का नोटिश चस्पा करवाया है। उन्हें देखने से लगता है कि नगरपंचायत अपने ही दोषो को छुपाने का प्रयास कर रही है।

दुकान आबंटन की प्रक्रिया विधीवत पालन और आरक्षण रोस्टर का पालन नही किया गया ऐसा कहना नगर पंचायत है। मगर सवाल यह उठता है कि अगर नियमो की अनदेखी हुई है तो पीडि़तों से किस आधार पर नगरपालिका ने 1 लाख 70 हजार रुपये लिये। क्या पहले बैठे नगरपालिका में अधिकारी-कर्मचारी नियमो की अनदेखी करते हुए शासकीय कार्य करते थे? खैर यह तो जांच का विषय है।

इधर पीडि़त दम्पति अब दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी से मदद की गुहार लगाते हुए मुलाकात कर पूरी बात बताई है, जहाँ कलेक्टर ने गंभीरता से बुजुर्ग दम्पति के प्रकरण को सुनते हुए निराकरण की बात कही है।

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