CM Vishnu Deo Sai Statement : वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर विधानसभा में विशेष चर्चा, सीएम साय बोले– “यह गीत हमारी राष्ट्रीय चेतना की धड़कन”
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित विशेष चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगीत के इतिहास और उसकी गौरवशाली भूमिका का विस्तार (CM Vishnu Deo Sai statement) से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि वह प्रचंड ऊर्जा है जिसने आज़ादी के आंदोलन में करोड़ों भारतीयों के भीतर देशप्रेम, त्याग और बलिदान की लौ प्रज्वलित की।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के वीरों का स्मरण करते हुए कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और खुदीराम बोस जैसे महान क्रांतिकारियों के हृदय में वंदे मातरम् के उदघोष ने अकथ साहस भरा। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों के स्वरों में उठने वाली यह पुकार उस दौर में ब्रिटिश शासन की नींव तक हिला देती थी।
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने इस राष्ट्रगीत के भावनात्मक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि वंदे मातरम् की स्मृति हर भारतीय के लिए गर्व और कर्तव्य दोनों की अनुभूति (CM Vishnu Deo Sai statement) कराती है। उनके अनुसार, यह गीत हमें उस संघर्ष की याद दिलाता है जिसने आज़ादी के मार्ग को प्रशस्त किया और यह आज भी देश की आत्मा में धड़कता है।
उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र की पहचान केवल उसकी सीमाओं या भौगोलिक आकृतियों से तय नहीं होती। इसकी वास्तविक पहचान उसकी संस्कृति, मूल्यों और परंपराओं में निहित होती है और भारत की यह सांस्कृतिक निरंतरता अन्य किसी भी राष्ट्र से कहीं अधिक गहरी है। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि वंदे मातरम् इन्हीं सांस्कृतिक प्रवाहों की सामूहिक अभिव्यक्ति है।
मुख्यमंत्री साय ने इतिहास में दर्ज उन पीड़ादायक अध्यायों का जिक्र भी किया, जिन्होंने स्वतंत्रता की राह पर देश को असंख्य (CM Vishnu Deo Sai statement) घाव दिए। उन्होंने कहा कि उन अनुभवों से सीख लेकर आज हम एक समरस, सशक्त और जागरूक भारत के निर्माण में आगे बढ़ सकते हैं।
राज्य के वीर सपूतों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कई योद्धाओं ने वंदे मातरम् की भावना को अपने जीवन का ध्येय बनाया और राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पित किया। उन्होंने भारतीय परंपरा में धरती को माता स्वरूप मानने की अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा कि वंदे मातरम् इसी भाव का पवित्र व सशक्त प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने इस विशेष चर्चा के आयोजन के लिए विधानसभा अध्यक्ष और सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विमर्श नई पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक गौरव और ऐतिहासिक समझ से जोड़ने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
