CM Soren : झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की आम सभा में सीएम सोरेन ने कहा – मेरा हमेशा प्रयास रहा है कि हमारी प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत हो
रांची, नवप्रदेश। झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की नई कार्यकारिणी के गठन से पहले आर्यभट्ट सभागार में आम सभा आयोजित किया गया। लगभग 8 वर्ष बाद ये आम सभा आयोजित हुई है।
झारखंड प्रशासनिक सेवा के इस आम सभा में मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम हेमंत सोरेन शामिल हुए। सीएम हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वरीय अधिकारी के साथ खड़े न हों तो वो एक कदम भी नहीं चल सकते।
हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि प्रशासनिक सुधार के लिए हमने एक आयोग का भी गठन किया था और उसकी रिपोर्ट भी आई थी, उसका अध्ययन आवश्यक है। मेरा हमेशा प्रयास रहा है कि हमारी प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत हो, उनकी हर समस्याओं का समाधान हो।
प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत नहीं है तो राज्य को आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल है। आज जहां झारखंड को होना चाहिए, उसके विपरीत देश के सबसे पिछड़े राज्य में शामिल है। अगर हमारी व्यवस्था ठीक नहीं है तो इसका कारण क्या है? अभी भी राज्य में खेती तो छोड़िए, पीने का पानी भी ठीक ढंग से नहीं मिल पता है।
सोरेन ने आगे कहा कि हमें व्यवस्था में ईमानदारी और लगन के साथ लगने की आवश्यकता है। हमारी व्यवस्था के बीच से ही कुछ पदाधिकारी ऐसा कर जाते हैं कि व्यवस्था और सरकार का सिर शर्म से झुक जाता है।
पुलिस प्रशासनिक विभाग में भी बहुत गड़बड़ है, हमने कहा है क्लर्क स्तर तक के लोगों का तबादला हो, जो लंबे समय से एक ही जगह पर जमे हुए हैं।
वहीं कई ऐसी मांगें हैं जो आखिर इतने लंबे समय से लंबित क्यों है, राज्य गठन के बाद से ही लागू हो जानी चाहिए थी। प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर मैं खुद चिंतित रहता हूं कि कैसे अच्छी व्यवस्था खड़ी की जा सके।
ऊपर लेवल पर भी कई कमियां हैं, सेक्रेटरी लेवल पर भी एक सचिव के पास कई विभाग है। बगैर आईएएस, आईपीएस के भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राज्य चला सकते हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपनी बात रखने के लिए हमेशा स्वतंत्र हैं। राज्य सरकार प्राइवेट स्कूल की तरह सरकारी मॉडल स्कूल विकसित कर रही है। हमारे राज्य में नक्सल घटना अब यदा कदा ही सुनने को मिलती है। आपकी नियुक्ति में तो ये जुड़ी है, गांव-गांव, पंचायत-पंचायत जाना होगा।
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने इस मौके पर अपनी बात रखते हुए मांग की, कि अंचलों में अंचल गार्ड की व्यवस्था हो,
महिला पदाधिकारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान हो, प्रमोशन समय से हो, प्रोन्नति तो मिलती है प्रोन्नत पद पर स्थापना नहीं मिलती, रेवेन्यू प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।
वहीं इस मौके पर झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने आम सभा में अपनी-अपनी बात रखते हुए कहा, हमारे वरीय अधिकारी और सीनियर्स जब तक डीसी के बड़े बाबू बनना बंद नहीं करेंगे, तब तक जूनियर्स का भला नहीं होगा।
कई ऐसे झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। जिनको न तो अच्छी गाड़ी और न ही अच्छा आवास मिल रहा है। सीनियर्स जूनियर्स की कैसे मदद करें, अपने हक और अधिकार की बात मजबूती से करें।
सीनियर्स अधिकारी किसी भी पद पर चले जाएं, घमंड न करें। वैसे ऑफिसर्स जो नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी सेवा देते आ रहे हैं। उन्हें भी शहर में अपनी सेवा देने का अधिकार है।