झीरम मामले में नए आयोग के गठन पर सीएम भूपेश के संकेत, महाधिवक्ता ने दी राय
रायपुर/नवप्रदेश। Jhiram Issue : छत्तीसगढ़ में इन दिनों झीरम कांड रिपोर्ट का मामला गरमाया हुआ है। इस मामले को लेकर राजनितिक पार्टी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार झीरम मामले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते नजर आ रहे हैं। सीएम बघेल ने बुधवार को कहा कि आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका था लेकिन रिपोर्ट अब भी अधूरी है। निश्चित तौर पर उस पर विचार करके निर्णय लिया जाएगा। बहुत जल्दी इस मामले पर फैसला हो जाएगा।
नए सिरे से जांच के हैं आसार
झीरम घाटी मामले में राज्य सरकार नए सिरे से जांच आयोग का गठन किए जाने की कवायद में जुट गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट आधी अधूरी है। आयोग ने रिपोर्ट सौंपे जाने के पहले कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर पत्र लिखा था। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नए आयोग के गठन को लेकर विचार किया जा रहा है, इसपर जल्द फैसला लिया जाएगा।
सीएम बघेल ने आयोग द्वारा जांच रिपोर्ट (Jhiram Issue) सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी चाहिए थी। इससे पहले उन्होंने कहा था कि जांच रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज है, इसे कोई बाहर कैसे खोल सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यपाल आखिर इस रिपोर्ट का क्या करेंगी। इसे आखिरकार सरकार को ही सौंपा जाना है।
एडवोकेट जनरल ने सौंपा अभिमत
राज्य सरकार ने प्रशांत मिश्रा आयोग की ओर से सीधे राज्यपाल को जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के मामले में विधिक अभिमत मांगा था। जिसके बाद एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा ने राज्य सरकार को बंद लिफाफे में अपना अभिमत सौंप दिया है। एडवोकेट जनरल की माने तो शासकीय कार्य में अवैधानिकता नहीं होनी चाहिए। आयोग का गठन राज्य मंत्री परिषद ने किया, तो रिपोर्ट भी राज्य सरकार को ही सौंपी जानी चाहिए।
राजभवन में कांग्रेस विधि विभाग ने लगाई RTI
पीसीसी विधि विभाग के पूर्व अध्यक्ष और अधिवक्ता संदीप दुबे ने आरटीआई के जरिए राजभवन से झीरम घाटी न्यायिक जांच आयोग (Jhiram Issue) द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। अधिवक्ता संदीप दुबे ने राजभवन से सूचना के अधिकार के तहत जांच आयोग की रिपोर्ट को लेकर प्रक्रिया की दस्तावेज, नोटशीट आर्डर शीट की प्रतियां प्रदान करने का आग्रह किया है। इसके साथ पत्र में लिखा है कि विभिन्न समाचार पत्रों व चैनलों के माध्यम से जानकारी मिली है कि जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा झीरम घाटी जांच आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत आप राज्य के वरिष्ठतम पद पर विराजमान हैं। रिपोर्ट संविधान की अनुच्छेद 166 (2), (3) तहत निर्धारित नियमों के तहत दी जा सकती है, लेकिन समाचार पत्रों के जरिए मिल रही जानकारी के अनुसार, आपने गोपनीय जांच रिपोर्ट पर कानूनी राय लेने की प्रक्रिया प्रारंभ शुरू कर दी है।