CM भूपेश ने खारुन नदी में लगाई आस्था की डुबकी, प्रदेशवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना

CM भूपेश ने खारुन नदी में लगाई आस्था की डुबकी, प्रदेशवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना

CM Bhupesh took a dip of faith in Kharun river, wishing for happiness and prosperity for the people of the state

Punni Snaan

Punni Snaan : स्नान के बाद बोले- खारुन में बनेगा रिवर फ्रंट

रायपुर/नवप्रदेश। Punni Snaan : CM भूपेश बघेल रायपुर के खारून नदी के किनारे आयोजित पुन्नी मेले में मुंह अंधेरे में ही पहुंचे। यहां उन्होंने नदी में डुबकी लगाई। नदी में नहाते समय उनकी गतिविधि देखने लायक थी। मुख्यमंत्री ने पानी में गुलाटी मारे, उनका ये अंदाज देख हर कोई हैरान। बीते तीन सालों से इसी तरह मुख्यमंत्री यहां पहुंचते हैं।

CM भूपेश बघेल स्नान के बाद खारुन तट पर गंगा आरती किए उसके बाद उन्होंने ऐतिहासिक हटकेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचे। सीएम ने महादेव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की और प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले स्नान करने का अपना महत्व है। हम यहां दीप दान करते हैं, भगवान महादेव की आराधना करते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ का यह पहला मेला है। मैं जब से यहां आने लगा ये मेला लोगों की नजरों में और आया। अच्छा है अपनी संस्कृति से जुडऩा चाहिए। मैं बचपन में भी इसी तरह गांव के तालाब में स्नान किया करता था।

गुजरात की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा रिवर फ्रंट

पुण्य स्नान के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया कि खारुन तट पर गुजरात की तर्ज पर रिवर फ्रंट डेवलप किया जाएगा। यहां गार्डन, लैंड स्केपिंग, पाथ वे, लाइट्स, एंटरटेनमेंट जोन, फूड जोन और खूबसूरत कलाकृतियों से सजावट की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे शहर को नई पहचान मिलेगी ही हम खारुन नदी के संरक्षण की दिशा में भी काम कर पाएंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही एक रिपोर्ट तैयार कर काम शुरू किया जा सकता है।

CM Bhupesh took a dip of faith in Kharun river, wishing for happiness and prosperity for the people of the state
कार्तिक पूर्णिमा पर सजावट।

ऐसी भी मान्यता है कि छत्तीसगढ़ से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान स्थित पुष्कर तीर्थ में कार्तिक मेला लगता था। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और पूजा में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंचते थे। वहां तक जाने के लिए छत्तीसगढ़ के लोगों को कई दिन लग जाते थे। इसे देखते हुए राजा ब्रह्म देव ने खारुन नदी के किनारे हटकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने का निर्णय लिया।

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