CM भूपेश ने IGKV में किया 8 फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीज की लॉचिंग |

CM भूपेश ने IGKV में किया 8 फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीज की लॉचिंग

CM Bhupesh launched seeds of 8 improved species of crops in IGKV

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16 कृषि महाविद्यालयों में निर्मित ई-क्लासरूम का शुभारंभ

रायपुर/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के अंतर्गत लगभग 30 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित भवनों एवं अन्य अधोसंरचनाओं का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित नवनिर्मित कृषि विज्ञान केन्द्र भवन, अक्ती जैवविविधता संग्रहालय, नवनिर्मित नॉलेज सेंटर भवन एवं रिकार्डिंग स्टूडियो तथा फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला के लोकार्पण के साथ वर्चुअल रूप से उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर एवं कृषि महाविद्यालय रायगढ़ के नवनिर्मित महाविद्यालय भवन, बालक छात्रावास एवं कन्या छात्रावास भवनों और 16 कृषि महाविद्यालयों में निर्मित ई-क्लासरूम का लोकार्पण किया।

उन्होंने धान, करायत, सोयाबीन, मक्का और रसभरी सहित 8 फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीजों तथा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई चावल से प्रोटीन और ग्लूकोज को अलग करने की तकनीक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, विधायकगण, निगम मंडल के अध्यक्ष, कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के कुलपति, विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम मेंअनेक कृषि वैज्ञानिक और प्राध्यापक वर्चुअल रूप से शामिल हुए।

CM Bhupesh launched seeds of 8 improved species of crops in IGKV
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कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कृषि का विकास और किसानों का कल्याण छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास और इसे किसानों तक पहुंचाने के कार्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में कृषि विश्वविद्यालय में प्रारंभ हो रही फाईटोसेनेटरी लैब का महत्वपूर्ण योगदान होगा। गांवों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में अब कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रसंस्करण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण, बिजली उत्पादन और वैल्यू एडीशन के कार्य में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कृषि पद्धति में आया सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कृषि क्षेत्र में एक मजबूत वैज्ञानिक-अधोसंरचना का निर्माण करना हमारी प्राथमिकताओं में रहा है। उन्होंने कहा कि किसान और विज्ञान एक-दूसरे के जितने करीब आएंगे कृषि-क्षेत्र की समृद्धि उतनी ही तेजी से बढ़ेगी। राज्य में कृषि पद्धति के सुधार, फसल विविधीकरण के विस्तार, उत्पादन में बढ़ोतरी और वैल्यू एडीशन के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए हमने राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक-संगठनों से भी एमओयू किए हैं।

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फसलों की नई प्रजातियों का होगा विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस अक्ती जैव विविधता संग्रहालय का लोकार्पण किया गया है, उसमें धान की लगभग 24000 किस्मों, तिंवरा की 1009, अलसी की 2000 किस्मों का प्रदर्शन किया गया है। इस संग्रहालय में विभिन्न किस्मों की कुल 30,878 किस्मों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा किसान भाइयों की लगभग 500 से अधिक प्रजातियों का पंजीयन भारत सरकार में कराया गया है। ये प्रजातियां भी जैव विविधता संग्रहालय में प्रदर्शित की गई हैं। इन प्रजातियों का उपयोग नयी प्रजातियों के विकास के लिए होगा। विश्वविद्यालय बनने के बाद बाद से आज तक विभिन्न फसलों की कुल 154 प्रजातियों का विकास किया गया है।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय (IGKV) के नये नॉलेज सेंटर में मोबाइल एप तैयार किए गए हैं, जिनसे किसान भाई नयी-नयी जानकारी प्राप्त कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं के बारे में भी वे जानकारी लेकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे।

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