बेमौसम बारिश से CM भूपेश की बढ़ी चिंता, कलेक्टरों को दिए आंकलन के निर्देश…
संग्रहण केंद्रों में कैप कव्हर की कमी
रायपुर/नवप्रदेश। Lack of Cap Cover : छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में बीते दो दिनों से जारी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हो रही नुकसान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने सभी कलेक्टरों को फसलों और घरों को हुए नुकसान का त्वरित आंकलन करने निर्देश दिया है।
असमायिक वर्षा और ओलावृष्टि ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इस नाजुक स्थिति से निपटने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है। इसके साथ ही सीएम ने भारी बारिश और ओला वृष्टि से धान संग्रहण केन्द्रों में रखे धान को बचाने के लिए फड़ की व्यवस्था, केप कव्हर (Lack of Cap Cover) लगाने और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने भी निर्देशित किया है।
सीएम भूपेश ने सभी जिलों में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के आदेश भी दिए हैं, ताकि ओमीक्रॉन के खतरे से निपटा जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां भी सुनिश्चित की जाएं।
भीगे धान से करोड़ों का नुकसान
छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में सोमवार रात से ही बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने गुरुवार तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश की चेतावनी जारी किया है। हालांकि मौसम विभाग ने पहले ही बारिश के साथ ओला वृष्टि की सम्भवना जताई थी,लेकिन सहकारी समितियों ने पूर्व में बेमौसम बारिश से निपटने कोई तैयारी नहीं की थी। यही कारण है कि आज की स्थिति में लगभग सभी समितियों में रखे धान पूरी तरह से भीग चुके हैं, जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का नुकसान होगा।
मार्कफेड की माने तो प्रदेश के अनेक जिलों में कैप कवर (Lack of Cap Cover) ख़रीदा गया था। लेकिन भारी बारिश में भी ये काम नहीं आ रहा है। मौसम को ध्यान में रखते हुए विभाग ने समितियों में आगामी 2-3 दिनों तक धान खरीदी बंद रखने का फैसला लिया है।
प्रदेश के समितियों की बात करें तो कई खरीदी केंद्रों में लापरवाही दिखाई दे रही है। जितना धान रखा है उस एवज में सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। रायपुर से सटे खरीदी केंद्रों में भी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। खुले में पड़े धान पूरी तरह से भीग चुके हैं। वही कमोबेश हालात अभनपुर, महासमुंद, धमतरी, सरायपाली, कांकेर , कोंडागांव सहित अन्य जिलों में धान भीग चुका है जिससे करोड़ों का नुकसान होना तय है। वहीं आरंग धान खरीदी केंद्र के प्रभारी ने कहा कि कैप कव्हर पर्याप्त मात्रा में नहीं है यही वजह है कि धान खुले में पड़े हैं, जिससे बेमौसम बारिश में धान भीग गया है। उन्होंने कहा कि संग्रहण केंद्र में रखे पुराने कव्हर का उपयोग किया गया है जिससे कुछ धान को भीगने से बचा लिया गया है।