CM भूपेश बघेल ने मेडिकल कॉलेज के 700 बिस्तर क्षमता वाले नए चिकित्सालय भवन का किया भूमिपूजन
- हीरक जयंती पर रायपुर मेडिकल कॉलेज को मिला उपहार
- मुख्यमंत्री ने हीरक जंयती समारोह का किया शुभारंभ
- छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य मशीनरी हर संकट से निपटने के लिए तैयार – CM भूपेश बघेल
- रायपुर मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेन्सिंग लैब शुरू होगा
रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय में 700 बिस्तर क्षमता वाले नए एकीकृत चिकित्सालय भवन का भूमिपूजन किया। चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल के लिए 322 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक सर्वसुविधायुक्त चिकित्सालय भवन का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा। मुख्यमंत्री बघेल ने मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह का शुभारंभ भी किया।
आज से ठीक 60 साल पहले 9 सितम्बर 1963 को रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भूमिपूजन कार्यक्रम और हीरक जंयती के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रायपुर मेडिकल कॉलेज एवं इससे संबद्ध चिकित्सालय को आज की जरूरत के हिसाब से विकसित करना है।
उन्होंने सभी प्राध्यापकों, स्टॉफ, छात्र-छात्राओं और भूतपूर्व विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज के 60 वर्ष पूरे करने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इस मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय की प्रतिष्ठा बढ़े, इसके लिए हम सबको मिल कर काम करना है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य सुविधाओं का दायरा और गुणवत्ता दोनों बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। दूरस्थ अंचलों के लोगों तक भी निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंची हैं। शासकीय अस्पतालों के माध्यम से लोगों को निःशुल्क उपचार, जांच और दवाई मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य मशीनरी हर संकट से निपटने के लिए तैयार है।
वैश्विक महामारी कोरोना के समय हमारे डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टॉफ ने बेहतर काम कर इसे साबित भी किया है। उन्होंने कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में मलेरिया और डायरिया फैलना अब बीते दिनों की बात हो गई है। हमारे मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान से मलेरिया के मामलों में काफी कमी आई है।
उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रायपुर मेडिकल कॉलेज का 60 साल का सफर शानदार रहा है। इससे संबद्ध अस्पताल प्रदेशवासियों के लिए बड़ी उम्मीद है। एशिया की सबसे एडवांस्ड मशीनरी भी यहां उपलब्ध है। आज नए चिकित्सालय भवन का भूमिपूजन हुआ है, जल्दी ही इसके लोकार्पण का समय आएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अस्वस्थता के बावजूद वे कार्यक्रम में मौजूद हैं। मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य विभाग के लिए जितना मांगा है, उन्होंने उससे ज्यादा ही दिया है। श्री सिंहदेव ने बताया कि रायपुर मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेसिंग लैब के लिए मंजूरी मिल गई है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै ने कार्यक्रम में कहा कि रायपुर मेडिकल कॉलेज प्रदेश का सबसे बड़ा टर्शरी केयर हॉस्पिटल है। यहां लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए सर्वसुविधायुक्त एकीकृत चिकित्सालय भवन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। आज भूमिपूजन होने के बाद जल्दी ही इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा। डीन डॉ. तृप्ति नागरिया ने अपने स्वागत भाषण में रायपुर मेडिकल कॉलेज के 60 वर्ष के सफर की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 1963 में आज ही के दिन 60 विद्यार्थियों के साथ इसकी यात्रा शुरू हुई थी। अब यहां एमबीबीएस की 230 और पीजी की 150 सीटें हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल की क्षमता 700 बिस्तरों से बढ़कर 1248 हो गई है। नए एकीकृत चिकित्सालय भवन में 700 बिस्तर बढ़ने से यहां बिस्तरों की संख्या करीब दो हजार हो जाएगी। दो हजार बिस्तर क्षमता वाला यह मध्य भारत का एकमात्र अस्पताल होगा। चिकित्सालय में सुविधा बढ़ने से लोगों को बेहतर इलाज मिलेगा।