Navpradesh Exclusive: गडकरी के गढ़ में सीएम भूपेश ने दिलाई कांग्रेस को जीत
- मुख्यमंत्री बघेल ने नागपुर के तीन विस क्षेत्रों में की थीं चुनावी सभाएं, दो में कांग्रेस प्रत्याशी विजयी
- जिस पश्चिम नागपुर विस क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री गडकरी का नया आवास, वहां भी पार्टी की विजय
नागपुर/रायपुर/नवप्रदेश। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) की ओर से कांग्रेस के लिए गया प्रचार काफी हद तक सफल रहा है।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी (nitin gadkari) के गढ़ में भी कांग्रेस (congress) को जीत (victory) दिलाई। नागपुर (nagpur) में मुख्यमंत्री बघेल (cm bhupesh baghel) ने जिन तीन विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार किया, उनमें से दो में कांग्रेस को जीत मिली है।
खास बात यह भी रही कि बघेल ने वरिष्ठ भाजपा नेता व केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी (nitin gadkari) के नए आवास ‘भक्ति’ वाले विधानसभा क्षेत्र (पश्चिम नागपुर) में भी सभा की थी। इस क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विकास ठाकरे चुनाव जीत (victory) गए हैं।
उन्होंने भाजपा के सुधाकर देशमुख को 6367 वोट से हरा दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागपुर (nagpur) उत्तर में रैली की थी। यहां से महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार में मंत्री रहे डॉ. नितिन राऊत कांग्रेस की ओर से मैदान में थे। राऊत ने भी भाजपा के मिलिंद माने को 20 हजार से अधिक मतों से हराया।
ऐसे घेरा था केंद्र व महाराष्ट्र की भाजपा नीत सरकारों को
गाैरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) की नागपुर की चुनावी सभाओं में उन्हें सुनने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा था। बघेल ने अपनी सभाओं में भाजपा के प्रचार के सबसे बड़े मुद्दे ‘राष्टवाद’ पर ही भाजपा व आरएसएस को घेरा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा व आरएसएस का राष्ट्रवाद हिटलर व मुसोलिनी से प्रेरित है।
जबकि कांग्रेस का राष्ट्रवाद महात्मा गांधी के अहिंसा व करुणा के सिद्धांतों से प्रेरित है। उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी व केंद्र सरकार पर हमला बोला था। कहा था कि इतनी सुरक्षित जगह 250 किलो आरडीएक्स कहां से आया।
बघेल ने धान को 2500 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी समेत छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का बखान कर महाराष्ट्र की मौजूदा भाजपा-शिवसेना सरकार की कमियां गिनाई थीं, और नागपुर के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया था।