Exclusive : CM ने बताई कोयला मंत्री के छग दौरे में हुई ये अहम बात, अब सबको...

Exclusive : CM ने बताई कोयला मंत्री के छग दौरे में हुई ये अहम बात, अब सबको…

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नई दिल्ली/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel on new education policy) ने नई शिक्षा नीति (new education policy of india) के बहाने की केंद्र की निजीकरण की नीति की जमकर आलोचनाा की। वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया (sonia gandhi meeting with non nda chief ministers) गांधी द्वारा गैर एनडीए शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक में बोल रहे थे। दरअसल ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन जेईई मेन और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट) की सितंबर में होने जा रही परीक्षाओं को लेकर सोनिया गांधी ने बुधवार को सात गैर एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई थी।

इस बैठक में सोनिया (sonia gandhi meeting with non nda cm) गांधी ने नई शिक्षा नीति को लेकर भी चिंता जाहिर की। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel on new education policy) भी शामिल हुए। बघेल ने भी नई शिक्षा नीति के बहाने निजीकरण को लेकर केंद्र को आड़े हाथों लिया। वर्चुअल बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह वास्तव में एक झटका है। उन्होंने केन्द्र पर बिना जाने छात्रों की अन्य समस्याएं और परीक्षाओं की चुनौतियों से निपटने का भी आरोप लगाया।

बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नई शिक्षा नीति (new education policy of india) की गई खामियां गिनाईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक विद्यार्थी 10वीं के बाद अलग-अलग विषयों की पढ़ाई करते थे। लेकिन नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि फिजिक्स पढऩे वाला छात्र इकोनॉमिक्स भी पढ़ सकता है, इकोनॉमिक्स के साथ फिजिक्स भी पढ़ी जा सकती है। मौजूदा संसाधनों में ये कैसे संभव हो सकता है। नई व्यवस्था केे लिए हजारों नए शिक्षकों की जरूरत होगी और भी कई अन्य व्यवस्थाएं करनी होंगी। जिनको लेकर केंद्र की कोई नीति या पूर्व तैयारी सामने नहीं आई है।

सीएम भूपेश की बड़ी बातें

अब सबको ‘इंडिया अगेंस्ट प्राइवटाइजेशन’ के लिए साथ आना होगा

मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति के बहाने केंद्र की निजीकरण की नीति को लेकर भी उसे आड़े हाथों लिया। बघेल ने कहा कि आज देश में रेलवे, एयरपोर्ट समेत तमाम अन्य सार्वजनिक उपक्रमोंं को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। राज्य सरकारें चुपचाप ये नजारा देखने के लिए मजबूर हैं। अब वक्त आ गया है कि हमें ‘इंडिया अगेंस्ट प्राइवटाइजेशनÓ के लिए साथ आना। इस मुहिम के लिए हमें लड़ाई लडऩी होगी।

हमारी कोयला खदानों के कोयले के लिए कोयला मंत्री ने कहा- आप भी ले लीजिए नीलामी में भाग

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछलेे दिनों केंद्रीय कोयलामंत्री प्रह्लाद जोशी जब छत्तीसगढ़ के दौरे पर थे तो मैंने उनसे कहा- हमारे राज्य में इतनी कोयला खदानें होने केे बावजूद हमारे हक में एक भी नहीं हैं, तो केंद्रीय मंत्री का कहना था- कोल ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया में आप भी भाग ले लीजिए। ये कहां का न्याय है हमारे ही राज्य की कोयला खदाने और इनके कोयले के लिए हम ही पैसा खर्च करें।Ó

ममता बनर्जी ने परीक्षाओं के खिलाफ साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट जाने का दिया सुझाव

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोविड-19 को लेकर देश में बनी स्थिति के चलते परीक्षा स्थगित कराने के लिए सुपीम कोर्ट जाने का सुझाव दिया। ममता ने कहा कि मेरा सभी राज्य सरकारों से यह अनुरोध रहेगा कि वे एक साथ आएं जब तक छात्रों के परीक्षा में उपस्थित होने की स्थिति नहीं बन जाती उस समय तक परीक्षा स्थगित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट चलें। ममता बनर्जी ने अपने उन दो पत्रों का भी हवाला दिया जो उन्होंने इससे पहले प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा था। ममता ने कहा कि परक्षाएं सितंबर में हैं। क्यों छात्रों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है? हमने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन वहां से कोई भी जवाब नहीं मिला।

सितंबर में परीक्षाएं कराने पर अड़ी एनटीए

विपक्षी दलों की यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब एक दिन पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सुप्रीम कोर्ट के 17 अगस्त के आदेश का हवाला देते हुए परीक्षा शेड्यूल में बदलाव की मांग को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा स्थगित करने की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि छात्रों के एक महत्वपूर्ण वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता है और जीवन को आगे बढऩा है।

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