CM Baghel बोले- एनआरसी को लेकर पीएम मोदी व गृहमंत्री शाह में मनमुटाव
कहा- दोनों कैरंसी स्ट्राइक, जीएसटी, सीएए, एनआरसी, एनपीआर के जरिए देश को अंग्रेजी सीखा रहे
रायपुर/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel) ने एनआरसी (nrc) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह (pm modi and amit shah) पर पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि दोनों देश की जनता को अंग्रेजी पढ़ाने-सिखाने का काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री (cm baghel) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री शाह (pm modi and amit shah) में मनमुटाव (differences) हो गया है इसलिए देश की जनता पीस रही है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते थे। मुख्यमंत्री विजयी हुए कांग्रेसी नेताओं को बेहतर, ईमानदार और जनसेवा करने की नसीहतों के साथ ही केंद्र सरकार पर भी जमकर बरसे।
आखिर सच कौन बोल रहा
बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि एनआरसी (nrc) देश में लागू नहीं होगा, गृहमंत्री कहते हैं कि क्रोमोलॉजी है, एनआरसी पूरे देश में लागू होगा! सवाल ये उठता है कि सच कौन बोल रहा है। गृहमंत्री जो बोल रहे हैं, वो सही है या फिर प्रधानमंत्री जो बोल रहे हैं, वो सही हैं। हमको लगता है कि दोनों के बीच मनमुटाव हो गया है और इस मनमुटाव (difference) की वजह से देश की जनता पीस रही है।
हिंदुस्तान को पढ़ा रहे अंग्रेजी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel) बोले, मोदी ने 5 साल में नोटबंदी-जीएसटी लाई। शाह ने 7-8 माह में सीएएए, एनआरसी (nrc) और एनपीआर-लाया, लगता है दोनों हिंदुस्तान के लोगों को अंग्रेजी सिखाने का काम कर रहे हैं।
पुलवामा हमले को लेकर जताया संदेह
बर्खास्त डीएसपी देविंद्र सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पुलवामा में हुए सीआरपीएफ हमले पर भी संदेह जताते हुए सवाल किया कि जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था वहां हमला हुआ तो उसकी जांच क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा चुनाव के ठीक पहले पुलवामा हो जाता है, मैंने उस वक्त भी सवाल उठाया था कि आखिर उस सड़क पर जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, वहां आरडीएक्स विस्फोटकों से भरी कार पहुंची कैसे।
और तो और उसी गाड़ी को टक्कर कैसे मारी, जो बुलेट प्रुफ नहीं थी। अब खबर आ रही है कि पुलवामा में भी वही डीएसपी देविंदर पोस्टेड था। देविंदर के बारे में कहा जाता है कि उसने आतंकी अफजल गुरू को दिल्ली पहुंचाया था। छत्तीसगढ़ की सरकार लोगों को जोड़ने का काम कर रही है, वहीं दिल्ली में बैठी सरकार लोगों को तोडऩे का काम कर रही है।