संपादकीय: बांग्लादेश में भारतीय प्रोजेक्ट पर संकट के बादल
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Clouds of crisis over Indian project
Clouds of crisis over Indian project: पड़ौसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ गया है।
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर जिस तरह अत्याचार हो रहा है उसे देखते हुए भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी थी।
इसके बाद बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनूस ने भारत को भरोसा दिलाया था कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हिंसा को रोकने कड़े कदम उठाये जाएंगे किन्तु ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
वहां अभी भी चुन-चुन कर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच चीन ने भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है।
चीन के उकसावे में आकर ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से किए गए कई समझौतो को खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी है।
बांग्लादेश के अंतरिम विदेश मंत्री तौहिद हुसैन के मुताबिक बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ जो समझौते किए थे उसकी समीक्षा की जा सकती है।
और जो समझौते बांग्लादेश के हित में नहीं है और जिनसे बांग्लादेश को कोई फायदा नहीं होने वाला है उन समझौतो को रद्द किया जा सकता है।
गौरतलब है कि भारत ने बांग्लादेश में 7.36 बिलियन डॉलर का निवेशकर रखा है। जिससे वहां कई प्रोजेक्ट चल रहे है किन्तु बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के रडार पर ये प्रोजेक्टस आ गए है। यदि इन्हें रद्द किया जाता है तो भारत को नुकसान हो सकता है। देखना होगा कि अब इस मुद्दे पर भारत का क्या रूख होता है।