Church Suicide Bombing Syria : प्रार्थना का स्थान बना आतंक का निशाना…सीरिया के चर्च में आत्मघाती हमला…गोलियों के बाद विस्फोट में गई 13 जानें…

Church Suicide Bombing Syria : प्रार्थना का स्थान बना आतंक का निशाना…सीरिया के चर्च में आत्मघाती हमला…गोलियों के बाद विस्फोट में गई 13 जानें…

दमिश्क, 22 जून| Church Suicide Bombing Syria : एक शांत रविवार को जब मार एलियास चर्च की दीवारों के भीतर प्रार्थना हो रही थी, तभी वहां आतंक की आहट सुनाई दी — एक आत्मघाती हमलावर ने चर्च में घुसकर पहले लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और फिर खुद को विस्फोट से उड़ा लिया। इस भयावह हमले में 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, वहीं 53 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

यह दर्दनाक हमला दमिश्क के बाहरी क्षेत्र दवेइला में हुआ — एक ऐसा इलाका जो लंबे समय से हिंसा से अपेक्षाकृत शांत माना जाता रहा है। लेकिन यह घटना बता रही (Church Suicide Bombing Syria)है कि चरमपंथी संगठन अब भी देश की नसों में छिपे हैं, और कभी भी हमला कर सकते हैं।

न कोई चेतावनी, न जिम्मेदारी – एक और स्लीपर सेल का संकेत?

फिलहाल किसी भी आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सीरियाई आंतरिक मंत्रालय ने आशंका जताई है कि इसमें इस्लामिक स्टेट (ISIS) के स्लीपर सेल का हाथ हो सकता है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर ने पहले चर्च में घुसकर बंदूक से अंधाधुंध फायरिंग की और फिर अपनी विस्फोटक जैकेट के जरिए आत्मघाती विस्फोट कर (Church Suicide Bombing Syria)दिया। इस भयावह क्षण के कई दृश्य सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें अफरा-तफरी, रोते हुए लोग और टूटी हुई बेंचें देखी जा सकती हैं।

राजनीतिक-धार्मिक तनाव की पृष्ठभूमि में हमला

यह हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब राष्ट्रपति अहमद अल-शरा देश में इस्लामी शासन की वैधता स्थापित करने और अल्पसंख्यक समुदायों का विश्वास जीतने की कोशिश में लगे (Church Suicide Bombing Syria)हैं। इस हमले ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोली है, बल्कि देश के भीतर छुपे आतंक के तंत्र को फिर से उजागर किया है।

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