‘जल मितान-युवा उद्यमी’ उद्यमिता कौशल विकास परियोजना का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
- -छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में पेयजल योजनाओं के स्थायी रखरखाव की अनूठी पहल
- -ग्रामीण युवाओं को नल-पाइप फिटिंग, इलेक्ट्रिकल फिटिंग-रिपेयरिंग, सोलर पैनल रिपेयरिंग, पम्प आपरेटर का दिया जा रहा है प्रशिक्षण
- -प्रदेश में 58 हजार युवाओं को जल मितान-युवा उद्यमी का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में पेयजल योजनाओं के संचालन और स्थायी रख-रखाव के लिए अपने तरह के पहले और अनूठे कार्यक्रम ‘जल मितान-युवा उद्यमी’ उद्यमिता कौशल विकास परियोजना का शुभारंभ किया। जिसके तहत ग्रामीण अंचलों में कुशल जल मितानों की उपलब्धता हेतु जल जीवन मिशन और यूनिसेफ की सहभागिता से प्रारंभ किए गए।
इस कार्यक्रम के ग्रामीण युवाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण सर्विसेज, नल-पाइप फिटिंग रिपेयरिंग, आरो फिटिंग-रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल फिटिंग-रिपेयरिंग, सोलर पैनल फिटिंग-रिपेयरिंग, पम्प आपरेटर सर्विस आदि ट्रेडों में 21 दिन का आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 58 हजार ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप प्रशिक्षण प्राप्त 90 जल मितान एवं युवा उद्यमियों को नि:शुल्क टूल किट प्रदान किए। 15 हजार रूपए की कीमत के टूल किट में युवाओं को सुरक्षा जूता, हेलमेट तथा उपकरण आदि दिए गए हैं। राज्य के 540 युवाओं तथा 90 युवा उद्यमियों को 21 दिनों की उच्च स्तरीय आवासीय ट्रेनिंग दी गई है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरु रूद्रकुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ के मिशन निदेशक श्री आलोक कटियार, यूनिसेफ की वाश विशेषज्ञ सुश्री श्वेता पटनायक भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं।
जल मितान एवं युवा उद्यमियों को नि:शुल्क टूल किट प्रदान किए
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजनाओं के संचालन और संधारण के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उन्हें जल मितान, युवा उद्यमी तथा जल दीदी के रूप में योजनाओं के संधारण और संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है।