Chhindwara Cough Syrup Case : मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर शिशु रोग विशेषज्ञ निलंबित, दवा कंपनी और डॉक्टर पर FIR दर्ज

Chhindwara Cough Syrup Case : मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर शिशु रोग विशेषज्ञ निलंबित, दवा कंपनी और डॉक्टर पर FIR दर्ज

Chhindwara Cough Syrup Case

Chhindwara Cough Syrup Case

Chhindwara Cough Syrup Case : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सिविल अस्पताल परासिया, जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी (Chhindwara Cough Syrup Case) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही डॉक्टर सोनी और दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर कार्यवाही करते हुए आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने आदेश जारी किए। आरोप है कि डॉ. सोनी ने निजी प्रैक्टिस के दौरान शिशुओं के उपचार में गंभीर लापरवाही बरती और अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन निष्ठा से नहीं किया। इसी कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत यह कार्यवाही की गई।

छिंदवाड़ा प्रकरण में FIR

प्रकरण में छिंदवाड़ा जिले के थाना परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी (Chhindwara Cough Syrup Case) और तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित दवा निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105, 276 तथा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27ए के तहत पंजीबद्ध की गई है।

बच्चों की मौत और जांच रिपोर्ट

निजी प्रैक्टिस के दौरान डॉ. सोनी ने बच्चों को जो दवाएं लिखीं, उनके सेवन से शिशुओं को तेज बुखार, पेशाब में कठिनाई और किडनी पर गंभीर प्रभाव पड़ा। दुखद रूप से कुछ बच्चों की मौत भी हो गई। निलंबन अवधि में डॉ. सोनी का मुख्यालय जबलपुर स्थित क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय में रखा गया है।

जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Chhindwara Cough Syrup Case) के सेवन से बच्चों की मौतें हुई थीं। इस सिरप के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे और शनिवार की सुबह आई रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाए गए।

प्रदेशभर में कोल्ड्रिफ पर रोक

जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Chhindwara Cough Syrup Case) की बिक्री पूरे मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित कर दी। इसके साथ ही इस दवा की आवाजाही पर भी सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया कि लापरवाही और दोषी पाए जाने वाले सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।