अब दिव्यांगों की जरूरत के मुताबिक बनाए जाएंगे विशेष शौचालय

अब दिव्यांगों की जरूरत के मुताबिक बनाए जाएंगे विशेष शौचालय

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  • ऐसी पहल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य
  • दुर्ग समेत 10 जिलों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम

रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattsigarh) में दिव्यांगों (physically challenged) की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विशेष पहल की जा रही है। सामान्य शौचालय के इस्तेमाल में उनकी परेशानियों को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब घरों में विशेष शौचालय (special toilets) बनाए जाएंगे।

अलग-अलग तरह के दिव्यांगों (physically challenged) के लिए इसका डिजाइन और सुविधाएं अलग-अलग तरह की होंगी। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) दिव्यांगों के लिए इस तरह की संवेदनशील पहल करने वाला देश का पहला राज्य है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल्दी ही दुर्ग समेत प्रदेश के 10 जिलों में इस तरह के शौचालयों का निर्माण शुरू होगा।

इसके अंतर्गत करीब 1,200 शौचालय (special toilets) बनाए जाएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अभियंताओं और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के मैदानी अमले ने शुक्रवार को  विषय विशेषज्ञों एवं आर्किटेक्टों के साथ दिनभर इसके डिजाइन एवं सुविधाओं पर मंथन किया।

इन 10 जिलों की ग्राम पंचायतों से होगी शुरुआत

पायलट परियोजना के रूप में प्रदेश के 10 जिलों बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, कांकेर और दुर्ग की चयनित ग्राम पंचायतों में दिव्यांगों के लिए विशेष घरेलू शौचालय बनाए जाएंगे।

एक दिवसीय कार्यशाला में हुआ मंथन

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में  दिव्यांगों हेतु पहुंचयुक्त शौचालय निर्माण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में दिव्यांगों की व्यवहारिक दिक्कतों की पहचान कर उनके लिए सुगम शौचालय (special toilets) बनाने की तकनीक और विधियों पर विस्तृत चर्चा की गई।

दिव्यांगों का जीवन सहज सरल बनाने करना होगा काम: मंडल

कार्यशाला को संबोधित करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी मंडल ने कहा कि रोजमर्रा के जीवन में दिव्यांगों की समस्याओं को समझने की जरूरत है। उनका जीवन सरल और सहज हो सके, इसके लिए हमें संवेदनशीलता से काम करना है। घरों में उनके लिए इस तरह के सुगम शौचालय के निर्माण से उनका जीवन आसान हो सकेगा।

स्वच्छ भारत मिशन के संचालक अनुराग पाण्डेय ने शौचालय (special toilet) के उपयोग में दिव्यांगों की व्यवहारिक परेशानियों को समझने के लिए कार्यशाला में प्रतिभागियों से कुछ अभ्यास भी करवाए। उन्होंने अधिकारियों को शौचालय निर्माण में आज कार्यशाला में दी गई जानकारी का उपयोग करने को कहा।

 

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