छत्तीसगढ़ की बुनाई, संस्कृति और जीवंत परंपराओं का प्रतीक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

pm narendra modi visit in bilaspur
-मुख्यमंत्री ने भेंट किया गया कोसा सिल्क से बना हस्तनिर्मित शॉल
-छत्तीसगढ़ की बुनाई, संस्कृति और जीवंत परंपराओं का प्रतीक
रायपुर/नवप्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभ_ा में आयोजित आमसभा और विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में कोसा सिल्क से निर्मित एक विशेष हस्तनिर्मित शॉल भेंट किया, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध बुनाई परंपरा और जनजातीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह शॉल न केवल कपड़े का एक सुंदर नमूना है, बल्कि छत्तीसगढ़ की कला, संगीत और जनजातीय अस्मिता का जीवंत दस्तावेज भी है।
यह शॉल पूरी तरह हस्तनिर्मित है और इसमें राज्य की स्थानीय बुनकर परंपरा की गहराई को दर्शाया गया है। इस शॉल पर बांस से निर्मित पारंपरिक वाद्ययंत्र ‘टोड़ी’ और बस्तर के प्रसिद्ध ‘बाइसन हॉर्न माडिय़ा नृत्य’ को कढ़ाई के माध्यम से दर्शाया गया है। टोड़ी वाद्ययंत्र छत्तीसगढ़ की जनजातीय जीवनशैली में संगीत का अभिन्न हिस्सा है। वहीं माडिय़ा जनजाति का यह नृत्य शौर्य, ऊर्जा और सामूहिक एकता की अभिव्यक्ति है। यह शॉल केवल वस्त्र नहीं, बल्कि जनजातीय गर्व, सांस्कृतिक विविधता और शिल्प कौशल की अभिव्यक्ति है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया यह कोसा शॉल छत्तीसगढ़ की हुनरमंद बुनकर महिलाओं, जनजातीय समुदायों, और लोक परंपराओं की महत्ता को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का एक भावनात्मक और सशक्त प्रयास है। यह भेंट भारत की विविधता में एकता, और लोककला के माध्यम से जुड़ाव का प्रतीक है।