BIG BREAKING: कोटा से आईं छग की छात्राओं को मिलेंगी ब्रांडेड..., प्रशासन तैयार... |

BIG BREAKING: कोटा से आईं छग की छात्राओं को मिलेंगी ब्रांडेड…, प्रशासन तैयार…

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दुर्ग/नवप्रदेश। कोटा (kota) से लाकर दुर्ग (durg quarantine centre) के विज्ञान विकास केंद्र में ऐहतियातन क्वारंटाइन में रखी गई कुछ छात्राएं (girls) ऐसी डिमांड (demand) कर रही हैं, जिसे पूरा करना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया।

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पर कोटा (kota) से लाकर दुर्ग (durg quarantine centre) के क्वारंटाइन सेंटर में ठहराई छात्राओं के लिए शासन स्तर पर हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन यह भी एक सत्य है कि हर व्यक्ति के लिए जीवनशैली में अचानक बदलाव स्वीकार कर लेना और उसके अनुकूल खुद को ढाल लेना संभव नहीं होता। इसलिए इन छात्राओं को भी दिक्कतें आ रही हैं। इन छात्राओं का कहना है कि वे अपने खर्च पर अपनी जरूरत की चीजे मंगाना चाहती है, जिसके लिए प्रशासन तैयार हो गया है।

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आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कुछ छात्राएं कोटा (kota) में अपनी जीवन शैली केे मुताबिक, अटैच टॉयलेट-बॉथरूम वाले कमरों की मांग (demand) कर रही हैं तो कुछ ब्रांडेड चीजों की। कुछ ऐसी भी हैं जिन्हें बिसलेरी का ही पानी चाहिए होता है। कोटा मेंं अपनी जीवन शैली को याद करते हुए ऐसी छात्राएं अपनी देखरेख में लगे कर्मचारियों को यह भी कह देती हैं- ‘हम तो कोटा में ही अच्छे थे’।

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है इनकी जीवनशौली व समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अब इनकी रिक्वायरमेंट की लिस्ट बना रहा है। और जल्द ही इनके द्वारा मांग की जा रही वस्तुएं इन्हें उपलब्ध करा दी जाएगी।

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हर साल होस्टल में रहती हैं 750 छात्राएं

उल्लेखनीय है कि कोटा से आई इन छात्राओं को विज्ञान विकास कें्रद्र के गल्र्स होस्टल में ही ठहराया गया है। इनकी संख्या 235 है। दुर्ग के एडिशनल कलेक्टर श्री पंचभाई ने बताया कि होस्टल में पहले से ही छात्राओं के लिहाज से सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। आधिकारिक सूत्रों सेे प्राप्त जानकारी इस गल्र्स होस्टल में हर साल 750 छात्राएं रहती हैं, जिन्हें लॉकडाउन के चलते उनके घर भेज दिया गया है। इस होस्टल में 26 टॉयलेट व 26 बॉथरूम हैं।

लेकिन कोटा से लाई गईं कुछ छात्राओं का कहना है कि उन्हें अटैच टॉयलेट-बॉथरूम वाले रूम चाहिए। कुछ अपनी जीवन शैली के मुताबिक रोजमर्रा की ब्रांडेड चीजों की भी मांंग कर रही हैं। इनकी रिक्वायरमेंट की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। छात्राएं इसका खर्च खुद उठाने के लिए भी तैयार हैं।

व्यक्तिगत खर्च पर कुछ चीजें चाहती हैं छात्राएं

छात्राओं की जो मांग हैं, उसे पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ छात्राएं अपने खर्च पर कुछ सामान की खरीदी करना चाहती हैं। उनकी रिक्वायरमेंट की लिस्ट बनाई जा रही है। अभी वे क्वारंटाइन में हैं इसलिए बाहर नहीं आ सकती। इसलिए हम चाहते हैं किसी दुकान से टाई-अप कराके इन्हें इनकी जरूर के मुताबिक चीजों की उपलब्धता करा दी जाए।
-अंकित आनंद, कलेक्टर, दुर्ग

पहले ही कर ली गई थी सभी व्यवस्थाएं

छात्राओं को होस्टल में लाने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई थीं। व्यवस्थाओंं में कहीं कोई कमी नहीं है।
-प्रियम्वदा रामटेके, असिस्टेंट कमिश्नर, आदिवासी विकास विभाग, होस्टल इन्हीं की निगरानी में आता है

होस्टल को कर लिया था सैनिटाइज

छात्राओंं केे आने से पूर्व होस्टल को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया। यहां रोज साफ सफाई का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। आरओ के पानी की भी व्यवस्था कराई गई है। यहां रोज पानी के जार पहुंचाए जा रहे हैं।
-इंद्रजीत बर्मन, आयुक्त, नगर निगम, दुर्ग


दुर्ग में क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर पर एक नजर

  • 235 छात्राएं विज्ञान विकास केंद्र के गल्र्स होस्टल में
  • 134 छात्र व 8 अभिभावक रूंग्टा आर1 में ठहरे हैं
  • 113 छात्र व 4 पालक रूंग्टा आर2 में क्वारंटाइन
  • इसके अलावा अग्रसेन, अभिनंदन, आनंद मंगलम, मैरिगोल्ड मैरिज हॉल को आइसोलशन सेंटर बनाया गया है। (छाया प्रतीकात्मक)

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