Corona : तीन बेटे दिल्ली में फंसे, सगे संबंधी भी नहीं पहुंचे, फिर नाबालिग ने.. |

Corona : तीन बेटे दिल्ली में फंसे, सगे संबंधी भी नहीं पहुंचे, फिर नाबालिग ने..

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– लॉकडाउन के कारण पिता के अंतिम दर्शन भी नहीं मिला
– प्रशासन से लगाई गुहार, भाईयों को लाने में मदद करें सरकार

मुगेंली/नवप्रदेश। कोरोना वायरस (corona virus) ने सारी दुनिया (all world) को घरों में कैद (Imprisoned in homes) कर दिया है। ऐसी अवस्था में यदि किसी के घर निधन हो जाए तो उस पर क्या गुजरती है ऐसा ही एक मामला आज जिले के ग्राम रबेली से आया है। ग्राम रबेली में निवासरत बैसाखु कश्यप उम्र 80 वर्ष का आज निधन हो गया है। बैसाखु के चार पुत्र है जिसमें से तीन लड़के कमाने के लिए दिल्ली गए हुए है।

घर में केवल तीन लोग रह रहे थे जिनमें से बैसाखु का आज निधन हो गया। पत्नि शांति बाई कश्यप उम्र 60 वर्ष और छोटा लड़का रामकुमार कश्यप 16 वर्ष के साथ रहते थे। आज जब बैसाखु का निधन हुआ तो इसकी सूचना सभी भाईयों को दी गई, किन्तु कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगा हुआ है जिसके चलते तीनों भाई यहां आ नहीं सकते है। ऐसे विकट समय में सगे संबंधी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए और पड़ोसी भी इस दु:खद समय में शामिल नहीं हो पाए।

छोटा पुत्र रामकुमार को अंतिम क्रिया का कोई ज्ञान भी नहीं है उसके बावजूद रामकुमार ने कुछ सदस्यों के सहारे अपने पिता का दाहसंस्कार किया। रामकुमार का कहना है कि उसे इस घड़ी में समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें। तीनों भाई दिल्ली में फंसे हुए है वे आ नहीं सकते जिसके चलते रामकुमार काफी चिंचित है। रामकुमार ने प्रशासन से मांग की है कि वे अपने भाईयों को दिल्ली से लाने में उसकी मदद करें। बाकी क्रियाकर्म में उनके भाई उसके साथ हो। रामकुमार ने कहा कि परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। ऐसे में बड़े भाईयों का उनके पास होना जरूरी है।

दिल्ली में फंसे हुए है परिवार के 15 सदस्य

रामकुमार ने बताया कि दिल्ली विजय बिहार फेस 1 सेक्टर 5 शनिबाजार रोड न्यु दिल्ली रोहणी में परिवार के सभी सदस्य मृतक के तीनों पुत्र, पुत्रवधु, नाती व बेटी, दमाद पोता, पोती सभी वही है रामकुमार ने बताया कि दिल्ली के विधायक और पार्षद से लोरमी रबेली जाने के लिए आवेदन किये है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है।

दिल्ली में फंसे परिवार को नहीं मिल पा रहा है राशन

वही इस बैसाखु की निधन की बात को लेकर जब पुत्र जेठुराम से बात किया गया तो उनके द्वारा बताया कि आवेदन दिया जा रहा है परमिशन के लिए उचित माध्यम नहीं मिल पा रहा है पुलिस के पास जाकर मामले की जानकारी देगे अगर कुछ हो पाता है तो उनसे बात करेगे। इस दौरान जेठु ने बताया कि राशन भी खत्म हो गया है अभी तक किसी भी प्रकार से कोई मदद का नहीं मिली है।

ये है मृतक परिवार के सदस्य जो दिल्ली में फंसे है

कांशीराम पिता बैसाखु, भगवती पति कांशीराम, हेमलता पिता कांशीराम, दीपक पिता कांशीराम, दीपांशु पिता कांशीराम, घांसीराम पिता बैसाखु, प्रेमलता पति घासीराम, प्रियंका पिता घासीराम, जेठुराम पिता बैसाखु, सुनिता पति जेठुराम, छाया पिता जेठुराम, पुत्री उषा पति नारायण, दामाद नारायण पिता बलराम, निधी पिता नारायण।

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