छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की अलख जगाने हमेशा स्मरणीय रहेंगे स्व. ताराचंद साहू: मुख्यमंत्री
cm bhupesh baghel: मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय ताराचंद साहू की मूर्ति का अनावरण एवं भवन का किया लोकार्पण
रायपुर । cm bhupesh baghel: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की अलख जगाने के लिए स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू हमेशा याद किए जाएंगे। छत्तीसगढ़िया आत्मगौरव के लिए बड़ा कार्य स्वर्गीय श्री साहू ने किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू की जयंती के अवसर पर आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू उन लोगों में से थे जिन्हें लगता था कि छत्तीसगढ़ राज्य तो बन गया है लेकिन छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और अस्मिता के लिए अभी काफी कार्य शेष है। इसके लिए वे आगे बढ़े और प्रयत्न किया।
मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) ने कहा कि हमें खुशी है कि हम छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव के लिए कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की अलख के लिए काम कर रहे हैं। सभा को गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने भी संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान की अलख को जगाने का बड़ा काम स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू ने किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) के नेतृत्व में राज्य सरकार इसी दिशा में कार्य कर कर रही है। लोगों की आर्थिक तरक्की के साथ ही सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने की दिशा में बड़ा काम किया जा रहा है।
कई लोगों ने पहली बार देखी गेड़ी- मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पर्व हमारी छत्तीसगढ़ी अस्मिता के पहचान थे वो अपने ही प्रदेश में हाशिये में जा रहे थे। शहरी क्षेत्रों में तो कई लोग ऐसे थे जिन्होंने हरेली त्यौहार का नाम सुना ही नहीं था।
जब हरेली के दिन हम लोग मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) निवास से गेड़ी से निकले तो लोगों ने देखा कि कितनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर हम लोग लेकर चल रहे थे और इसे विस्मृत करते जा रहे थे। हमारे त्योहार, हमारी परंपरा जिससे हमें ऊर्जा मिलती थी, वे हाशिये पर थी। पहली बार हमारे तीज त्योहार, कर्मा जयंती, हरेली, विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश आरंभ हुआ।
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर एवं स्वर्गीय पवन दीवान को भी किया याद- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संयोग है कि आज ही दो अन्य महान विभूतियों की जयंती भी है। स्वर्गीय श्री चंदूलाल चंद्राकर एवं स्वर्गीय श्री पवन दीवान का जन्म भी आज के दिन ही हुआ था और इन्होंने भी छत्तीसगढ़ी अस्मिता को लेकर ऐसा ही स्वप्न देखा था।
वे अलग-अलग पेशों से थे लेकिन संयोग ऐसा हुआ कि इनका कार्य एक ही तरह का था और सोच भी एक ही तरह की थी। मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) ने कहा कि स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू से बहुत आत्मीय संबंध था। अनेक स्मृतियाँ उनसे जुड़ी हुई हैं। वे मेरे गाँव कुरुदहीड भी आते थे। बहुत सारी स्मृतियाँ हैं उनसे जुड़ी जो याद आती हैं। मुख्यमंत्री ने इनमें से कुछ स्मृतियों को सामाजिकजनों से साझा भी किया।
हमें अवसर दिया गया तो चलाएंगे नगरनार का प्लांट- मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार नगरनार प्लांट का विनिवेश करना चाहती है। हमने केंद्र से कहा है कि प्लांट चलाने का अवसर हमें दें। छत्तीसगढ़ में प्रतिभाशाली लोगों की टीम है।
हमें अवसर मिला तो प्लांट का बेहतर संचालन करेंगे ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के बेहतर अवसर पैदा हों। उन्होंने कहा कि एफसीआई द्वारा चावल नहीं लिये जाने के संबंध में प्रधानमंत्री से चर्चा हुई है। हम किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और खेती किसानी को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है।