Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session : सदन में विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर आसंदी की कड़ी निंदा, स्पीकर बोले—जो कुछ….

Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session) के चौथे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही उस समय बाधित हो गई, जब विपक्षी सदस्यों के व्यवहार को लेकर सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न होने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कड़ी नाराजगी जताते हुए विपक्षी सदस्यों के आचरण की खुलकर निंदा की।

स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रश्नकाल सदन की सबसे महत्वपूर्ण कार्यवाही होती है, जहां जनहित से जुड़े विषयों पर चर्चा होती है। ऐसे समय में सदन की कार्यवाही को बाधित करना न केवल अनुचित है, बल्कि संसदीय परंपराओं के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session) के दौरान कांग्रेस विधायकों द्वारा सीने पर पोस्टर लगाकर सदन में प्रवेश करने पर सत्तापक्ष के विधायकों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई।

स्पीकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही, नियमों और मर्यादाओं के भली-भांति जानकार हैं। इसके बावजूद जिस प्रकार का आचरण उन्होंने किया, वह संसदीय गरिमा के अनुरूप नहीं है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि लोकहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के बजाय सदन की कार्यवाही को बाधित करना निंदनीय है और यह जनभावनाओं के साथ भी अन्याय है। यह टिप्पणी उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session) के दौरान दी।

उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और यहां सभी सदस्यों से गरिमापूर्ण व्यवहार की अपेक्षा की जाती है। आसंदी ने यह भी कहा कि सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाना सभी जनप्रतिनिधियों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को चेताते हुए कहा कि आगे इस प्रकार की स्थिति दोबारा न बने, यह अब उनके विवेक पर छोड़ा जाता है। यह पूरा घटनाक्रम (Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session) में चर्चा का विषय बना रहा।

सदन में स्पीकर की इस टिप्पणी के बाद कुछ समय के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष ने अंत में दोहराया कि मर्यादित आचरण ही संसदीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और इसका पालन सभी को करना चाहिए। यह संदेश छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (Chhattisgarh Vidhan Sabha Winter Session) के माध्यम से पूरे प्रदेश को दिया गया।