समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का समय नजदीक, सक्रिय अवैध परिवहन, कड़ी निगरानी के निर्देश
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Paddy Token
Paddy purchased : अवैध परिवहन रोकने पड़ोसी राज्यों से लगने वाली सीमाओं को सील
रायपुर/नवप्रदेश। Paddy purchased : राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का समय नजदीक आने के साथ ही धान का अवैध परिवहन भी जोर पकड़ रहा है। छत्तीसगढ़ में राज्य के सीमावर्ती राज्यों से धान का अवैध परिवहन किया जा रहा है। इस बात की शिकायत प्रदेश का मुखिया भूपेश बघेल तक जब पहुंची तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध परिवहन पर कड़ाई से अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि पड़ोसी राज्यों से लगने वाली राज्य की सीमाओं को सील किया जाए और सीमावर्ती इलाकों में धान का अवैध परिवहन रोकने के लिए लगातार कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए और धान का अवैध परिवहन करने वालों पर कठोरता से कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के किसी भी किसानों को धान के परिवहन के दौरान किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी में 1 दिसम्बर से प्रारंभ हो रही है। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 105 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी का अनुमान है। छत्तीसगढ़ (Paddy purchased) में किसानों को सीमावर्ती राज्यों की तुलना में धान की अच्छी कीमत मिल रही है।
इनपुट सब्सिडी से किसान खुश
किसानों को धान का समर्थन मूल्य मिलने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। इस वजह से धान खरीदी के सीजन में हर वर्ष सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन की शिकायतें मिलती हैं, जिस पर कड़ाई से अंकुश लगाने की जरूरत है, जिससे छत्तीसगढ़ (Paddy purchased) के किसानों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
2311 से अधिक सहकारी समितियां
प्रदेश में लगभग 2311 से अधिक सहकारी समिति केन्द्रों बने हुए है। किसान अपनी धान इन सहकारी समिति के माध्यम से बेच सकेंगे। इन किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी। इस वर्ष 1.13 लाख नए किसानों ने पंजीयन कराया है। अभी तक धान विक्रय के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 22 लाख 66 हजार से अधिक हो गई है।