Chhattisgarh Nursing College : विद्यार्थी मौजूद, पर 600 से ज्यादा सीटें खाली |

Chhattisgarh Nursing College : विद्यार्थी मौजूद, पर 600 से ज्यादा सीटें खाली

chhattisgarh nursing college, more than 600 seats, vacant,

chhattisgarh nursing college

छत्तीसगढ़ निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ ने मामले पर ध्यान देने सीएम बघेल व स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार

रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ के नर्सिंग कॉलेजों (chhattisgarh nursing college) में 600 से ज्यादा सीटें (more than 600 seats) खाली (vacant) हैं। जिसके चलते इन कॉलेजों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है।

जानकारों की मानें तो ऐसा नहीं है कि इन कॉलेजों में पढऩे के लिए प्रदेश में विद्यार्थी नहीं हैं। लेकिन अव्यवहारिक व जटिल नियमों के कारण ये विद्यार्थी कॉलेजों (chhattisgarh nursing college) में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं।

AIIMS में नर्सिंग ऑफिसर के 372 पदों पर भर्ती, डिप्लोमा होल्डर भी करें आवेदन

इसीके चलते छत्तीसगढ़ निजि नर्सिंग महाविद्यालय संघ के सचिव डॉ. प्रफ्फुल गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि वे नर्सिंग कालेजों की ओर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि नियमों की जटिलता के कारण 600 से ज्यादा सीटें (more than 600 seats) खाली (vacant) पड़ी हैं।

गुप्ता ने आगे कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को स्पष्ट जानकारी न देकर इन सीटों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि इस पाठ्यक्रम मेंं प्रवेश के लिए छत्तीसगढ़ में विद्यार्थी उपलब्ध हैं।

छत्तीगढ़ निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ के तर्क

देरी के कारण नहीं मिल रहे विद्यार्थी

गुप्ता ने कहा कि विगत 5 माह से कॉउंसिलिंग प्रकिया चल रही है, लेकिन देर होने के कारण पीएनटी परीक्षा में शामिल विद्यार्थी नहीं मिल पा रहे हैं। इसके उलट विभाग यह तर्क दे रहा है कि प्रदेश में 3500 से ज्यादा नर्स बेरोजगार हैं, जो कि पूरी तरह गलत है। जो भी नर्सें पढ़ कर निकली हैं वे शासकीय या निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं।

कॉलेज संचालकों के बारे गलत जानकारी दे रहे अफसर

गुप्ता ने कहा कि अधिकारी मंत्री को बता रहे हैं कि कॉलेज संचालक यूपी बिहार से विद्यार्थी बुलाकर प्रवेश देते हैं , जबकि ऐसा नहीं है।

BIG BREAKING: नीट में 0 मार्क पर भी फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में मिलेगा प्रवेश

ज्यादा के ही कई विद्यार्थी इस नर्सिंग कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं, लेकिन प्रवेश परीक्षा न देने के कारण ये इससे वंचित हो रहे हैं । जबकि छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में प्रवेश परीक्षा की बाध्यता नहीं है।

एक वजह यह भी

बकौल गुप्ता, सत्र 2019-20 की काउंसिलिंग प्रक्रिया इतनी लंबी चली कि नर्सिंग में पंजीकृत विद्यार्थियों ने दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लिया, जिससे वर्तमान में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों में लगभग 600 सीटें खाली हैं।

12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों के जरिए सीटें भरने की अनुमति की मांग

इन परिस्थितियों के मद्देनजर अब संघ की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की ओर से मांग की गई है कि इस कोर्स में सीधे प्रवेश की अनुमति दी जाए।

संघ ने अपील की है कि विगत वर्षों की तरह इस वर्ष इस वर्ष 12वीं उतीर्ण विद्यार्थियों के माध्यम से रिक्त सीटों में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाए।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *