Chhattisgarh : सितंबर माह में लगाए गए सबसे अधिक टीके
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Rescue Vaccines
कोरोना से बचाव के लिए सितम्बर में 45.33 लाख से अधिक टीके लगाए गए
रायपुर/नवप्रदेश। Chhattisgarh : प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर टीकाकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर सभी पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक देने का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल करने के लिए प्रदेश भर में तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। इसके लिए टीकाकरण साइट्स की संख्या भी लगातार बढ़ाई जा रही है।
कोरोना टीकाकरण की शुरूआत के बाद से विगत सितम्बर माह में प्रदेश (Chhattisgarh) में सबसे ज्यादा संख्या में टीके लगाए गए हैं। पहली और दूसरी खुराक को मिलाकर सितम्बर में कुल 45 लाख 33 हजार 321 टीके लगाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का अमला सभी जिलों में युद्ध स्तर पर कोविड टीकाकरण में लगा हुआ है।
कोरोना टीकाकरण की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में अब तक कोरोना से बचाव के लिए एक करोड़ 90 लाख 19 हजार 170 टीके लगाए गए हैं।
इस साल 16 जनवरी से राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना टीकाकरण की शुरूआत के बाद से प्रदेश (Chhattisgarh) में जनवरी में 76 हजार 645, फरवरी में चार लाख 13 हजार 550, मार्च में 17 लाख 24 हजार 161, अप्रैल में 37 लाख 68 हजार 305, मई में 15 लाख 21 हजार 469, जून में 26 लाख पांच हजार 741, जुलाई में 23 लाख 12 हजार 873, अगस्त में 20 लाख 63 हजार 105 और सितम्बर में 45 लाख 33 हजार 321 टीके लगाए गए हैं। प्रदेश में 53 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है।
गाइड लाइन पालन करना अनिवार्य
गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण (Vaccination) के बाद कोविड व्यवहारों का पालन करना हैं। कोविड टीकाकरण के बाद उन्हें भी आम लोगों की तरह किसी-किसी में बुखार, इंजेक्शन वाले स्थान में दर्द, सूजन, बदन दर्द इत्यादि लक्षण दिखते है जो सामान्यतः 2-3 दिनो में ठीक हो जाते हैं। उन गर्भवतीयों को टीका नहीं लगाना चाहिए जिनका पूर्व में प्रथम टीका लगने के बाद जिसे कोई दुष्प्रभाव हुआ हो या उन्हें किसी भी अन्य टीका से रियेक्शन हुआ हो या ऐसी गर्भवती माता जो वर्तमान में काविड-19 से ग्रसित हो और जो उपचारित हों।
गर्भवती होने के पहले महिला यदि कोविड पॉजिटिव होती है, तो ठीक होने के 03 माह या 84 दिन बाद प्रथम खुराक के बाद शेड्यूल के हिसाब से दुसरी खुराक दिया जा सकता है। गर्भवस्था के दौरान अगर महिला कोविड पाजिटिव हो गई है या तो उसे पहला टीका लगा है या कोई टीका नही लगा है, ऐसी स्थिति में डिलवरी तक टीका न लगाये एवं जंचकी के बाद ही उसे टीका लगवाने की सलाह दी गई है।