Chhattisgarh Liquor Scam : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के बेटे बिट्टू की 61.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क
Chhattisgarh Liquor Scam
छत्तीसगढ़ में हुए 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) में आरोपित पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के हक वाली करीब 61.20 करोड़ की संपत्ति ईडी ने अस्थायी रूप से कुर्क की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्राविधानों के तहत की गई।
ईडी के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार कुर्क की गई संपत्तियों में 59.96 करोड़ रुपये मूल्य के 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि समेत अचल संपत्तियां और 1.24 करोड़ रुपये मूल्य के बैंक बैलेंस व सावधि जमा शामिल हैं। इस मामले में अब तक आरोपितों की 215 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्की की जा चुकी हैं (Chhattisgarh Liquor Scam)।
जांच एजेंसी के अनुसार 3,200 करोड़ रुपये के इस शराब घोटाले में चैतन्य बघेल सिंडिकेट के शीर्ष पर थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे होने के नाते चैतन्य को शराब सिंडिकेट का नियंत्रक और अंतिम लाभार्थी बनाया गया था। उन्होंने घोटाले से अर्जित करीब 1,000 करोड़ रुपये को सफेद करने अपने रियल एस्टेट कारोबार में निवेश किया (Chhattisgarh Liquor Scam)।
ईडी ने उन्हें 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था, तब से वे न्यायिक हिरासत में रायपुर जेल में बंद हैं। इस मामले में तत्कालीन आबकारी मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा, आइएएस रहे अनिल टुटेजा, कारोबारी अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनवर ढेबर एवं आबकारी अधिकारी रहे अरुण पति त्रिपाठी जेल में बंद हैं।
वहीं, शराब घोटाले में आरोपित 28 आबकारी अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमल्या बागची की डिवीजन बेंच ने सशर्त स्थायी जमानत दे दी है। आबकारी अफसरों को दो सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और शराब घोटाले से जुड़े मुकदमे (Chhattisgarh Liquor Scam) में राज्य की सीमाओं से बाहर जाने के लिए पहले ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।
