Chhattisgarh lac production: लाख उत्पादक किसानों को भी अब अल्पकालीन कृषि ऋण और ब्याज अनुदान का लाभ
– Chhattisgarh lac production: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर अमल: लाख उत्पादन को मिला कृषि का दर्जा
प्रदेश के 50 हजार से अधिक वनवासी किसान होंगे लाभान्वित
लाभकारी हो जाएगी लाख की खेती, उत्पादन भी बढ़ेगा
रायपुर । Chhattisgarh lac production: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा मिला है। राज्य शासन द्वारा लाख उत्पादक किसानों तथा किसान-समूहों को भी कृषि फसलों के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण एवं ऋण पर नियमानुसार ब्याज अनुदान से लाभान्वित करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि कुसुम, पलाश, बेर आदि वृक्षों तथा सेमियालता आदि फसलों पर लाख उत्पादन एवं प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए कृषकों (Chhattisgarh lac production) अथवा कृषक समूहों को कृषि फसलों के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण निर्धारित ऋणमान पर प्रदान किया जाएगा। उन्हें अल्पकालीन कृषिऋण पर नियमानुसार ब्याज अनुदान भी देय होगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में लाख की खेती की अपार संभावनाएं है। यहां के कृषकों द्वारा कुसुम, पलाश और बेर के वृक्षों में परंपरागत रूप से लाख की खेती की जाती रही है। परंतु व्यवस्थित एवं आधुनिक तरीके से लाख की खेती न होने की वजह से कृषकों को लागत के एवज में अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है।
वन विभाग ने लाख (Chhattisgarh lac production) की खेती को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से इसे कृषि का दर्जा देने तथा कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से अन्य कृषकों की तरह लाख की खेती करने वाले किसानों को भी ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को प्रेषित प्रस्ताव को मान्य किए जाने का आग्रह किया था। जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है।
राज्य सरकार (Chhattisgarh lac production) द्वारा कृषकों के हित में लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से छत्तीसगढ़ में लगभग 50 हजार किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। वर्तमान में राज्य में 4500 टन लाख का उत्पादन होता है। राज्य में बड़े पैमाने पर आदिवासी तथा वनवासी कृषक इसकी खेती में लगे हुए है और यहां लाख की खेती की अच्छी संभावनाएं भी है।
राज्य सरकार के इस निर्णय के तहत किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण जैसी सुविधा के मिलने से लाख की खेती तथा इसके उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य में लाख का उत्पादन बढ़कर 10 हजार टन तक हो जाएगा।