Chhattisgarh Labour Welfare Schemes : ईंट-पत्थर से ख्वाब तक…मजदूरों के बच्चों को सीएम ने दी उड़ान…19.71 करोड़ से बदली ज़िंदगियाँ…

रायपुर, 15 जून| Chhattisgarh Labour Welfare Schemes : “हम श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। आपका स्नेह और सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हम सब मिलकर एक विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करेंगे।” मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत कक्षा दसवीं और बारहवीं के टॉप 10 में स्थान पाने वाले पंजीकृत श्रमिकों के 31 मेधावी बच्चों को दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का वितरण कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत राज्य के 38 हजार 200 निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत 19.71 करोड़ रूपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम हासिल करने वाले श्रमवीरों के मेधावी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी सरकार श्रमिक परिवारों की आवश्यकताओं को भली-भांति समझती है और उनके समग्र कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज श्रमिक परिवार का बच्चा विदेश जाकर पढ़ना चाहे तो उसके लिए भी 50 लाख रुपए तक की सहायता का प्रावधान श्रम विभाग द्वारा किया गया है।
श्री साय ने कहा कि हम नवाचार के साथ कदमताल करते हुए ऐसी नीतियां बना रहे हैं, जिनसे प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। प्रदेश की आकर्षक उद्योग नीति का उल्लेख करते (Chhattisgarh Labour Welfare Schemes)हुए उन्होंने बताया कि अब तक 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हो चुके हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
श्री साय ने श्रम मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि श्रमिकों से मेरा विशेष लगाव है और श्रमिकों के हित में कार्य करना हमेशा संतुष्टि देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल में दो वर्षों तक श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी और उनके नेतृत्व में श्रम राज्यमंत्री के रूप में श्रमिकों के पेंशन सुधार की दिशा में हमने कई ऐतिहासिक कदम उठाए और न्यूनतम पेंशन की राशि सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्रमिकों को लेकर संवेदनशील है और उनके निर्देश पर ही श्रमिकों के प्रोविडेंट फंड (PF) में वर्षों से पड़ी लगभग 27 हजार करोड़ रुपए की अन्क्लेम्ड राशि का उपयोग उनके हित में करने का बड़ा निर्णय भी इस दौरान हमने लिया था। राज्यमंत्री के रूप में यूनिवर्सल पीएफ नंबर की शुरुआत हमारी सरकार ने की, जिससे श्रमिकों द्वारा बार-बार पीएफ राशि क्लेम करने की समस्या दूर हुई।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी से आग्रह करते हुए कहा कि श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी अन्य ज़रूरतमंदों तक अवश्य (Chhattisgarh Labour Welfare Schemes)पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक श्रमिक इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने श्रमिकों के लिए गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही प्रदेश में संचालित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा की।
उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश चहुंमुखी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन डेढ़ वर्षों में “मोदी की गारंटी” के तहत सभी वादों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 38 हजार 2 सौ श्रमिकों को 19.71 करोड़ रुपये एवं प्रवीण्य सूची में चयनित 31 विद्यार्थियों को 62 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है।
श्री देवांगन ने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत 17 जिलों के 46 केन्द्रों में श्रमिकों को 5 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और भविष्य में इसे सभी उद्योग प्रधान जिलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रारंभ करने की जानकारी भी दी।
श्रम मंत्री ने कहा कि नई उद्योग नीति के तहत उद्योगों की स्थापना के लिए नियमों को सरल बनाया गया है , जिससे निवेश बढ़ा है एवं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के साथ प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मण्डल के माध्यम से प्रदेश में 31 जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें नोनी सशक्तिकरण, महतारी जतन, श्रमिक सियान सहायता जैसी योजनाएं शामिल (Chhattisgarh Labour Welfare Schemes)हैं। उन्होंने बताया कि मण्डल प्रदेश के 29.47 लाख पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रहा है। श्रमिक अपना पंजीकरण श्रमेव जयते ऐप, लोक सेवा केन्द्र या श्रम कार्यालय में करवा सकते हैं।
नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना ने बदली मजदूर परिवार के बच्चों की ज़िंदगी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से लाभान्वित बच्चों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया। सभी बच्चों ने कहा कि वे मजदूर और गरीब परिवारों से हैं, लेकिन इस योजना ने उन्हें पढ़ाई का अवसर दिया। यह योजना श्रमिक परिवारों के सपनों को नई उड़ान दे रही है।
सूरजपुर जिले के भैयाथान के हीरा सिंह ने बताया कि आईआईआईटी से बी टेक की पढ़ाई पूरी कर अब जूनियर डेटा साइंस डेवलपर बन चुके हैं। इस योजना से उन्हें 4.10 लाख रुपए की सहायता मिली, जिससे उनकी पढ़ाई पूरी हो पाई थी।
इसी तरह बी.टेक अंतिम वर्ष के छात्र अमलेंद्र पैंकरा ने बताया कि उनका परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है और इस योजना की मदद से कॉलेज की फीस भर पा रहे हैं।
एक अन्य छात्र दीपक पैंकरा ने सूरजपुर के छोटे से गांव से आईआईआईटी, रायपुर में एडमिशन तक के अपने संघर्ष भरे सफर को साझा (Chhattisgarh Labour Welfare Schemes)किया। दीपक ने बताया कि योजना के माध्यम से अपने बीटेक की पढ़ाई की फीस भर रहे हैं और योजना से उन्हें लगभग 4 लाख रुपए की सहायता प्राप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी श्रमवीरों के बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
योजनाओं और उनके लाभार्थियों की संख्या और राशि का विवरण इस प्रकार है
मिनीमाता महतारी जतन योजना अंतर्गत 1,915 श्रमिकों को 3.83 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना अंतर्गत 279 श्रमिकों को 10.33 लाख रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना अंतर्गत 6,319 श्रमिकों को 2.19 करोड रूपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 12 श्रमिकों को 94 हजार 800 रूपए, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 4,825 श्रमिकों को 96.17 लाख रूपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत 155 श्रमिक परिवार को 37.63 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना अंतर्गत 2 श्रमिकों को 40 हजार रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 4,939 श्रमिकों को 74.08 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 1 श्रमिक को 50 हजार रूपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना अंतर्गत 7 श्रमिकों को 7 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 264 श्रमिकों को 2.64 करोड रूपए़, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना अंतर्गत 2,486 श्रमिकों को 4.97 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना अंतर्गत 372 श्रमिकों को 74.40 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना अंतर्गत 15,066 श्रमिकों को 2.00 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना अंतर्गत 25 श्रमिकों को 25 लाख रूपए प्रदाय किए गए। यह पहल राज्य के निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस अवसर पर श्रम विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. फरिहा आलम, प्रभारी श्रम आयुक्त श्री एस एल जांगड़े सहित श्रम विभाग के अधिकारी कर्मचारी और श्रमिक परिवारजन मौजूद रहे।