–Chhattisgarh government: सभी वर्ग के लोगों ने खूब की सम्पत्तियों की खरीदी-बिक्री
एम.एल. चौधरी, सहायक संचालक
Chhattisgarh government: छत्तीसगढ़ सरकार के फैसलों से राज्य में अब आम आदमी और कमजोर तबके लोग भी छोटे और मध्यम भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य सरकार ने छोटे भू-खण्डों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक को हटाया।
सम्पत्तियों की गाईड-लाईन दरों में 30 प्रतिशत की कमी की गई। भूमि नामांतरण और डायवर्सन की प्रक्रिया को पूर्व की अपेक्षा अब ज्यादा आसान किया गया है। इसके साथ ही पहले रजिस्ट्री शुल्क ज्यादा था, जिसे कम किया गया।
दस्तावेजों के पंजीयन के लिए सिंगल विन्डों प्रणाली से अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया आसान बनाई बना दी गयी है। सरकार के इन जनहितैषी फैसलों का असर यह हुआ है कि बड़ी तादात में लोगों ने सम्पत्तियों के दस्तावेजों का पंजीयन कराया।
छत्तीसगढ़ शासन (Chhattisgarh government) के पंजीयन विभाग द्वारा पंजीकरण सॉफ्टवेयर में इसके मुताबिक संशोधन किया है। छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले से जनवरी 2019 से 5 डिसमिल से छोटे भू-खंडों की खरीदी-बिक्री, हस्तांतरण और पंजीकरण को फिर से शुरू किया गया इस जनोपयोगी फैसले का इस कदर असर हुआ कि, पहले दिन ही 105 भू-खंडों का पंजीकरण हुआ।
राज्य में 1 जनवरी 2019 से 30 सितम्बर 2020 तक करीब एक लाख 46 हजार 928 से ज्यादा छोटे भू-खंडों के क्रय विक्रय के दस्तावेजों का पंजीयन राज्य सरकार के पंजीयन कार्यालयों में कराया गया है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh government) में 5 डिसमिल से छोटे भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री में लगी रोक को हटाने, सम्पत्ति की शासकीय गाइड लाइन दरों में और पंजीयन शुल्क में कमी जैसे- जनहितैषी निर्णयों से विशेषकर प्रदेश के मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है।
इन निर्णयों की वजह से प्रदेश में कोरोना काल में भी राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन और राजस्व प्राप्ति में पिछले वर्ष अक्टूबर माह की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर माह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में 16 हजार 504 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में 18 हजार 754 दस्तावेजांे का पंजीयन हुआ है, जो गत वर्ष के अक्टूबर माह से 13.63 प्रतिशत अधिक है।
इस तरह वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 117 करोड़ 60 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 127 करोड़ 85 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राशि वर्ष 2019 के अक्टूबर माह की तुलना में 8.71 प्रतिशत अधिक है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh government) का रियल इस्टेट कोरोना संकट काल में मंदी से अप्रभावित रहा है। पिछले सितम्बर माह खत्म हुई तिमाही में राज्य में 27 हजार रजिस्ट्रियां की गई। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 25 जुलाई 2019 से 31 मार्च 2020 तक एक लाख 37 हाजर 487 भू-खंडों की रजिस्ट्री दर्ज की गई, इसके एवज में राज्य सरकार को 1174 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्त हुआ है।
जबकि पिछले वर्ष रजिस्ट्री के सीजन में इसी अवधि में एक लाख 31 हजार 179 रजिस्ट्रियां की गई थी और सरकार को 737 करोड़ रूपए का ही राजस्व प्राप्त हुआ था। इस तरह से पिछले वर्ष की तुलना में इसी अवधि में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
आंकड़ों में यह वृद्धि छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh government) के उस फैसले के बाद आई, जिसमें जुलाई 2019 से छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन की कीमत यानि कलेक्टर गाईड लाईन में 30 प्रतिशत की कमी की गई थी, जिसे चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दरों को यथावत रखा गया है।
दस्तावेजों के पंजीयन ऑनलाइन ई-पंजीयन प्रणाली से किए जा रहे हैं, जिसमें दस्तावेजों को उसी दिन पंजीकृत किया जाकर पक्षकारों को दस्तावेज प्रदान किया जाता है। पक्षकार द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के बाद और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद उप-पंजीयक कार्यालय में जाकर थोड़े से समय में ही पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण होती है।
कोविड-19 से संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए पंजीयन हेतु ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्लॉट बुकिंग को अनिवार्य किया गया है। अपॉइंटमेंट प्राप्त पक्षकार निर्धारित समय में ही पंजीयन कार्य हेतु उपस्थित होते हैं।
इस व्यवस्था के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान भी पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई है। दस्तावेज पंजीयन के साथ ही साथ दस्तावेज नकल एवं खोज हेतु भी अपॉइंटमेंट बुकिंग प्रारंभ की गई है।
पक्षकार द्वारा पंजीयन फीस का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकता है। शुल्क भुगतान के लिए ऑनलाइन भुगतान सुविधा सहित स्वाइप मशीन अधिकांश पंजीयन कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है।