भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला - जल जीवन मिशन के सभी टेंडर रद्द, छग कृषि उपज..

भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला – जल जीवन मिशन के सभी टेंडर रद्द, छग कृषि उपज..

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chhattisgarh government: मंत्रिमंडल की बैठक में कई अन्य निर्णय लिए

रायपुर/नवप्रदेश। राज्य सरकार (chhattisgarh government) ने कैबिनेट (cabinet meeting) बैठक में जलजीवन मिशन के सभी टेंडर निरस्त कर दिए हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

वहीं 1 नवंबर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त भी दी किसानों के खाते में डाली जाएगी। उल्लेखनीय है कि जलजीवन मिशन के टेंडर बाहरी कंपनियों को दिए जाने के आरोप लग रहे थे।

ये टेंडर करीब 10 हजार करोड़ रुपए के थे। लेकिन अब राज्य सरकार (chhattisgarh government) ने इन्हें निरस्त करने का फैसला लिया है। बैठक के बाद इन सभी योजनाओं की जानकारी सरकार के प्रवक्ता तथा कृषिमंत्री रवींद्र चौबे ने दी।

मंत्रिमंडल (chhattisgarh government) की बैठक के पहले सोमवार को स्थानीय ठेकेदार अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में यह बैठक हुई। मंत्रिमंडल की बैठक में कई अन्य निर्णय भी लिए गए।

औद्योगिक नीति में भी बड़े बदलाव करने का फैसला लिया है। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2020 को सदन के पटल पर रखने के लिए मंगलवार 27 अक्टूबर तथा बुधवार 28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है।

मंत्रिमंडल के अन्य फैसले

-औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया।

विशेष पैकेज के लिए लघु उद्योगों के द्वारा प्लांट एवं मशीनरी के अंतर्गत न्यूनतम 50 लाख तथा अधिकतम 5 करोड़ रूपए का निवेश किया जाना आवश्यक होगा।

-छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम-2015 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। जिसमें उद्योग विभाग द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु न्यूनतम आवश्यक भूमि का आबंटन एक रूपए प्रतीकात्मक प्रीमियम राशि (टोकन मनी) पर बिना किसी लीज रेंट, सिक्यूरिटी डिपॉजिट के भूमि का आबंटन किया जाएगा।

  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम-2015 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। जिसमें औद्योगिक भूमि, भवन, शेड, प्रकोष्ठ एवं लैण्ड बैंक से आबंटित भूमि का आबंटन पश्चात नियमन एवं प्रबंधन की कंडिका में संशोधन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम-2015 के अंतर्गत भूमि आबंटन प्राप्त करने वाले उद्योगों को नियमों में संशोधन करते हुए कोविड-19 एवं आर्थिक मंदी को ध्यान में रखते हुए जो प्रस्तावित उद्योग स्थापित नही हो सके हैं, उनके लिए एक वर्ष का अतिरिक्त समय प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
  • -राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 में राज्य के ग्रामीण अंचलों के त्वरित एवं सर्वांगींण विकास की पूर्ति के लिए वर्तमान में विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
  • -छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान हेतु छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिंनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया।

छग के किसानों के शोषण की आशंका, इसलिए विशेष सत्र : चौबे

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2020 को लेकर कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि यह विधेयक विशेष सत्र में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र खासकर इसलिए बुलाया जा रहा है कि कुछ कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों का शोषण व नुकसान होने की आशंका है।

अभी धान खरीदी भी शुरू होने वाली है। धान खरीदी के साथ ही गरीबों को 1 रुपए प्रतिकिलो की दर से चावल देने की योजना प्रभावित होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त डाली जाएगी। इसके लिए कर्ज लेना पड़े तो लिया जाएगा।


ऐसे कौन सी आफत कि विशेष सत्र : डॉ. सिंह

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपात स्थिति में विशेष सत्र बुलाया जाता है। प्रदेश में ऐसी कौन सी आफत आ गई जो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने जो कानून बनाए हैं, वे किसानों के हित में हैं।


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