Chhattisgarh Farmer Subsidy Scheme : “सीडलिंग से समाधान तक”: सूरजपुर की मिनी प्लग यूनिटों से खेती में आ रहा क्रांति का मौसम

सूरजपुर, 5 जुलाई| Chhattisgarh Farmer Subsidy Scheme : अब छत्तीसगढ़ के किसान बीज नहीं, भरोसा बो रहे हैं — और उसका कारण हैं सूरजपुर जिले में तैयार की गई मिनी प्लग टाइप सीडलिंग यूनिटें, जो खेती की पारंपरिक बाधाओं को तोड़ते हुए, आधुनिक कृषि के नए द्वार खोल रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा शुरू की गई इस तकनीकी पहल ने किसानों को उच्च गुणवत्ता के पौधे सुलभ करवाकर उन्हें सीधे लाभ और उत्पादन वृद्धि की ओर बढ़ाया है।
20 लाख पौधों की सालाना क्षमता — अब बुवाई नहीं रुकेगी
दतिमा और खोरमा स्थित दो सरकारी उद्यानों में निर्मित सीडलिंग यूनिट्स की संयुक्त वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 लाख पौधों की (Chhattisgarh Farmer Subsidy Scheme )है। इनमें तैयार किए जा रहे प्रमुख पौधे हैं:
करेला, टमाटर, बैंगन, गेंदा, मिर्च
फूलगोभी, पत्तागोभी, खीरा और तरबूज
यह विविधता न केवल फसल विकल्पों को बढ़ाती है, बल्कि किसानों को सामयिक और क्षेत्रीय फसल योजना बनाने में भी सहायक है।
कम कीमत, ज्यादा लाभ
किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत यह है कि—
अपने बीज देने पर 1.00 रु/पौधा
विभागीय बीज से तैयार पौधा 1.50 रु/पौधा
मात्र इतनी कीमत में उन्हें कीट-मुक्त, स्वस्थ और मजबूत पौधे मिलते (Chhattisgarh Farmer Subsidy Scheme )हैं, जो बेहतर उत्पादन और कम फसल जोखिम की गारंटी देते हैं।
ग्राफ्टेड पौधे = अधिक उपज + बीमारी से सुरक्षा
टमाटर और बैंगन जैसे संवेदनशील फसलों के लिए इन यूनिटों में ग्राफ्टेड पौधों की व्यवस्था भी की गई है, जिससे—
उत्पादन 20-30% तक अधिक
रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक
जलवायु अनुकूलता बेहतर
और सबसे बड़ी बात — किसान खुद समय तय कर सकते हैं, क्योंकि पौधे 25-30 दिन में तैयार हो जाते हैं।
“बीज बोओ, भरोसा लो”: नई नीति, नया नतीजा
यह योजना न केवल किसानों को श्रम, समय और अनिश्चितता से बचा रही है, बल्कि उन्हें तकनीक के साथ जोड़कर आत्मनिर्भर बना रही (Chhattisgarh Farmer Subsidy Scheme )है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के “समृद्ध किसान, सशक्त छत्तीसगढ़” विज़न की यह पहल अब एक मॉडल बनती जा रही है, जिसे अन्य जिलों में भी दोहराया जा सकता है।