Chhattisgarh Fake NGO Scam : कागजों में बना संस्थान…हकीकत में 1000 करोड़ का अंधेरा…हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी...फैसला सुरक्षित…

Chhattisgarh Fake NGO Scam : कागजों में बना संस्थान…हकीकत में 1000 करोड़ का अंधेरा…हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी…फैसला सुरक्षित…

रायपुर/बिलासपुर, 26 जून। Chhattisgarh Fake NGO Scam : एक ऐसा घोटाला, जो न अस्पताल में दिखा, न ज़मीन पर नजर आया — लेकिन कागजों में ही 1000 करोड़ रुपए बहा दिए गए। एक नाम जो सिर्फ फाइलों में जिंदा था — राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान — उसी के नाम पर सालों तक सरकार की आंखों में धूल झोंककर करोड़ों की हेराफेरी की गई।

इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में सभी पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब पूरे प्रदेश की नजरें कोर्ट के उस फैसले पर टिकी हैं, जो इस घोटाले की परतें पूरी तरह उधेड़ सकता है।

क्या था पूरा मामला?

2004 से 2018 तक एक फर्जी संस्थान के नाम पर मशीनों की खरीद, स्टाफ की फर्जी नियुक्तियां, और आधार कार्ड से जुड़े फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर कर लाखों-करोड़ों का खेल खेला गया। ये संस्थान न कभी अस्तित्व में था, न कभी धरातल पर काम करता (Chhattisgarh Fake NGO Scam)दिखा। फिर भी इसका जिक्र कई सरकारी दस्तावेजों में किया गया और फर्जी बैंक खातों के ज़रिए पैसे निकाले गए।

याचिकाकर्ता को खुद मिला था फर्जी स्टाफ बताकर वेतन!

इस जनहित याचिका की शुरुआत एक चौंकाने वाले घटनाक्रम से हुई, जब याचिकाकर्ता को खुद एक सरकारी अस्पताल में फर्जी रूप से कार्यरत दिखाया गया और उसका वेतन भी जारी किया गया। इसके बाद जब उसने RTI के तहत पूरी जानकारी मांगी, तो घोटाले की चौंकाने वाली परतें सामने आने लगीं।

कौन-कौन हैं शक के घेरे में?

छह आईएएस अधिकारियों समेत एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के नाम इस फर्जीवाड़े से जुड़े हैं। इन पर संस्था के नाम पर शासन से फंड स्वीकृत कराने, खाते खुलवाने और खर्चों को कागजों में सही ठहराने जैसे संगठित अपराध के आरोप (Chhattisgarh Fake NGO Scam)हैं।

गलती नहीं, ये सुनियोजित अपराध है” — कोर्ट की तीखी टिप्पणी

सुनवाई के दौरान राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव ने माना कि करीब 200 करोड़ की “अनियमितताएं” हुई हैं। लेकिन कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा — “जिसे गलती कहा जा रहा है, वह असल में एक संगठित और सुनियोजित अपराध है।”

अब फैसले पर टिकी हैं निगाहें

सीबीआई पहले ही इस मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर चुकी (Chhattisgarh Fake NGO Scam)है। अब हाईकोर्ट का फैसला यह तय करेगा कि क्या इस मामले में दोषियों पर कानूनी शिकंजा कस पाएगा या नहीं।

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