Chhattisgarh Congress : बिहार चुनाव रिजल्ट से पहले हो सकती है कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति, केसी वेणुगोपाल आज करेंगे वरिष्ठ नेताओं से चर्चा

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Chhattisgarh Congress : छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में लंबे समय से लंबित जिला अध्यक्षों की नियुक्ति अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले प्रदेश में नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर सकता है। बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को प्रस्तावित है, और पार्टी इस तारीख से पहले संगठनात्मक घोषणा कर देना चाहती है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा तय जिला पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने जिलों से छह-छह नामों का पैनल राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंप (Chhattisgarh Congress) दिया है। इसी पर अंतिम मुहर लगाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव और पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को दिल्ली बुलाया है।
सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को इन नेताओं से वन-टू-वन चर्चा की जाएगी। हालांकि, ताम्रध्वज साहू ने पारिवारिक कारणों से बैठक में शामिल न हो पाने की सूचना पहले ही शीर्ष नेतृत्व को दे दी है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, उदयपुर चिंतन शिविर में तय ‘एक व्यक्ति, एक पद’ फार्मूला इस बार भी लागू किया जाएगा। यानी, किसी भी मौजूदा जिलाध्यक्ष को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। पार्टी का जोर इस बार नए चेहरों, युवाओं, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व देने पर है।
‘संगठन सृजन अभियान’, जो सबसे पहले गुजरात से शुरू हुआ था, अब हरियाणा और मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा रहा है।
इसी अभियान के तहत 3 अक्टूबर से संगठन सृजन कार्यक्रम शुरू हुआ था, जिसमें 17 पर्यवेक्षकों को जिलों में भेजा गया था।
इन पर्यवेक्षकों ने सिर्फ दावेदारों से मुलाकात ही नहीं की, बल्कि सामाजिक संगठनों, व्यापारिक वर्गों और स्थानीय पत्रकारों से भी फीडबैक लेकर अपने-अपने जिलों के लिए विस्तृत (Chhattisgarh Congress) रिपोर्ट तैयार की।
पार्टी का रुख इस बार साफ है — जिला अध्यक्ष का चयन गुटबाजी या वरिष्ठता पर नहीं, बल्कि जमीनी पकड़ और लोकप्रियता के आधार पर होगा।
27 जिलों में बदलेंगे चेहरे
पार्टी के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, कम से कम 27 जिलों के अध्यक्षों को बदले जाने की संभावना है। मार्च 2025 में जिन जिलों — बालोद, दुर्ग ग्रामीण, नारायणपुर, कोंडागांव, कोरबा (शहर और ग्रामीण), बलौदाबाजार, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सरगुजा, बलरामपुर और बेमेतरा — में नई नियुक्तियाँ हुई थीं, वहां भी अब रिपोर्ट के आधार पर फेरबदल तय माना जा रहा है।
वहीं मुंगेली, बस्तर ग्रामीण और रायगढ़ ग्रामीण में नगरीय निकाय चुनाव से पहले नए अध्यक्ष बनाए गए थे, लेकिन इन जिलों पर भी एआईसीसी ने नई समीक्षा रिपोर्ट तैयार करवाई है।
पर्यवेक्षकों ने प्रत्येक अध्यक्ष की सक्रियता, संगठनात्मक भूमिका और जनसंपर्क क्षमता का आकलन करते हुए अपनी अनुशंसा एआईसीसी (Chhattisgarh Congress) को भेज दी है।
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इस बार की नियुक्तियां न सिर्फ प्रदेश संगठन को नई ऊर्जा देंगी, बल्कि 2028 के विधानसभा चुनाव की तैयारी का पहला चरण भी साबित होंगी।