Chhattisgarh Coal Scam Accused Released :  570 करोड़ का कोयला खेल...जेल से बाहर हुए 'सिस्टम के सिपाही'...पर राज्य में एंट्री "बैन"... सुप्रीम कोर्ट का आदेश – 1 सप्ताह के अंदर दें नया पता

Chhattisgarh Coal Scam Accused Released :  570 करोड़ का कोयला खेल…जेल से बाहर हुए ‘सिस्टम के सिपाही’…पर राज्य में एंट्री “बैन”… सुप्रीम कोर्ट का आदेश – 1 सप्ताह के अंदर दें नया पता

रायपुर, 31 मई। Chhattisgarh Coal Scam Accused Released :  570 करोड़ के कोयला घोटाले में जिन चेहरों पर अब तक सलाखों के पीछे का ताला था, वे अब कानून की छाया में खुले आसमान के नीचे होंगे — पर छत्तीसगढ़ से दूर। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इनको जमानत कल ही दे दी थी, लेकिन जमानत आज हुई है। वहीं मीडिया मेन गेट पर इंतजार करती रही और इनको मीडिया की नजरों से बचाते हुए पीछे के गेट से बाहर निकाला गया।

सौम्या चौरसिया (पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव), निलंबित IAS रानू साहू और समीर विश्नोई सहित छह आरोपी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर जेल से रिहा हो गए हैं। पर अदालत ने उन्हें राज्य में दाख़िल होने से रोका है, जिससे ये साफ संकेत मिलता है कि ‘सिस्टम के भीतर से खेल’ को फिर दोहराने की आशंका अभी खत्म नहीं हुई। वहीं सौम्या चौरसिया दिसंबर 2022 में गिरफ्तार हुई थी और रानू साहू की जुलाई 2023 में गिरफ्तारी हुई थी।

क्या था असली ‘खेल’?

ईडी (ED) की जांच बताती है कि खनिज विभाग के आदेश से 2020 में ऑनलाइन परमिट सिस्टम को ऑफलाइन किया गया, और फिर अवैध वसूली का रास्ता खोला (Chhattisgarh Coal Scam Accused Released)गया।

यह ‘ऑफलाइन परमिट मॉडल’ कोयला व्यापारियों से पैसे वसूलने का ज़रिया बना। व्यापारी 25 रुपये प्रति टन की दर से रकम देते थे — यह पैसा एक संगठित नेटवर्क के जरिए मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी तक पहुंचता था।

सिंडिकेट सिस्टम’ कैसे चलता था?

आदेश जारी करता था विभाग

पैसे वसूलते थे फील्ड में जुड़े कर्मचारी

परमिट मिलता था सिर्फ उन्हें जो “सिस्टम” को जानते (Chhattisgarh Coal Scam Accused Released)थे

रकम पहुंचती थी किंगपिन सूर्यकांत तक

रिपोर्ट के मुताबिक, 570 करोड़ रुपए से ज़्यादा की वसूली हुई

कोर्ट का सख्त रुख, पर सवाल बाकी

सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि अगर ये आरोपी राज्य में रहे तो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए निर्देश दिया गया कि सभी आरोपी पासपोर्ट जमा (Chhattisgarh Coal Scam Accused Released)करें, और एक हफ्ते में राज्य से बाहर रहने के पते की जानकारी थाने को दें।

लेकिन सवाल यह है — क्या राज्य से बाहर जाना ही इस सिंडिकेट को तोड़ने के लिए काफी है? या ये नेटवर्क राज्य की सीमाओं से भी बड़ा है?

कोल घोटाले के मुख्य आरोपी

निलंबित IAS रानू साहू और समीर बिश्नोई, पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, संदीप नायक लक्ष्मीकांत, शिव शंकर नाग, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, परेश कुर्रे, राहुल कुमार, वीरेंद्र जायसवाल, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल जेल में बंद थे।

क्या आगे और नाम जुड़ सकते हैं?                                

ED का दावा है कि घोटाले की परतें अभी और खुलनी बाकी हैं। चूंकि सिंडिकेट की जड़ें व्यवस्था में गहराई तक फैली थीं, आगे सियासी और अफसरशाही के और नाम सामने आ सकते हैं। ED और ACB की टीमें फिलहाल तेजी से जांच कर रही हैं।

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