बन गया ये प्लान, अब बेझिझक अंग्रेजी बोलेंगे छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों के बच्चे
प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने शिक्षकों और बच्चों से किया संवाद
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh children to speak english) के शासकीय स्कूलों (government school) के बच्चे बिना डरे और झिझक के अंग्रेजी बोलेंगे।
प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने सोमवार को इस संदर्भ में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान में शिक्षकों और बच्चों से चर्चा की। डॉ. शुक्ला ने कहा कि इस अनौपचारिक संवाद का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बिना डर एवं झेंप के आत्म विश्वास से इंग्लिश बोलने की आदत को बढ़ावा देना है।
इस मुलाकात का उद्देश्य सीधी एवं सरल भाषा में एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचाना भी हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को इंग्लिश बोलने की आदत डालना है, जैसे ही बच्चा इंग्लिश बोलना प्रारंभ कर देगा तो आगे किसी भी बड़े कोर्स, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में उसे समस्या या झेंप का सामना नही करना होगा। सरकार की इस पहल से शासकीय स्कूलों (government school) के बच्चों की पर्सनालिटी भी डेवलप होगी।
शिक्षकों ने साझा किए अपने अनुभव
संवाद के दौरान छत्तीसगढ़ (chhattisgarh children to speak english) के शिक्षकों ने अपना स्वयं का तरीका साझा किया जिसे वो ब’चों में स्पीकिंग इंग्लिश की स्किल को इम्प्रूव करने में शामिल करते हैं। मुंगेली, अम्बिकापुर, डोंगीपानी (रायगढ़) भिलाई से आये शिक्षिकाओं-शिक्षकों ने प्रमुख सचिव शिक्षा से अपने अनुभव साझा किए।
1000 शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के निर्देश
संवाद के दौरान डॉ. शुक्ला ने कहा कि जब तक शिक्षक अंग्रेजी नहीं बोलेंगे तब तक बच्चे भी नहीं बोल सकते। इसलिए हमें हमारे शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने को तैयार करना है। प्रमुख सचिव ने एससीईआरटी को निर्देशित किया है कि वें 1000 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को इंग्लिश बोलने के लिए प्रोत्साहित करें। इस अवसर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक पी. दयानन्द, अपर संचालक डॉ. सुनीता जैन, एनआईसी के सोम शेखर और आंग्ल भाषा शिक्षण प्रकोष्ठ प्रभारी श्रीमती जस्सी कुरियन, समग्र शिक्षा से एम. सुदीश भी उपस्थित थे।