क्षेत्रवाद की राजनीति कर रहा है छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स : कमल सोनी
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Kamal Soni
-राजधानी रायपुर क्षेत्र में संस्था दो गुटो में बंटी
रायपुर/नवप्रदेश। Kamal Soni: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के चुनाव से पहले ही चेंबर के संविधान को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ सराफा एसोशिएन के अध्यक्ष कमल सोनी ने चेंबर पर क्षेत्रवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया है। आज रायपुर प्रेस क्लाब से पत्रकारों से बातचीत में कमल सोनी ने कहा छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के संविधान में परस्पर विरोधी कंडिकाएं राज्य भर में फैले व्यापारियों के अधिकारों का हनन करती है।
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के संविधान की धारा 9 में प्रत्येक सदस्य को संघ कार्य में मत व राय देने प्रश्न पूछने, प्रस्ताव में रखने तथा चुनाव में भाग लेने का अधिकार रहेगा। व प्रत्येक सदस्य संघ के किसी भी पद के लिए नियमानुसार चुनाव लड़ सकेगा। लेकिन इस संविधान की धारा 15 में यह जोड़ा गया है कि अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष अनिवार्य तह: रायपुर एवं नया रायपुर में से किसी एक विधानसभा का निवासी एवं कार्यक्षेत्र का ही होगा एवं छत्तीसगढ़ के सभी राजस्व जिले (रायपुर जिले को छोड़कर) प्रत्येक जिले एवं भिलाई (जिले का दर्जा दिया गया) जिसमें उपाध्यक्ष एवं मंत्री का चुनाव होगा।
इस तरह छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स का संविधान राज्य के बड़े शहरों में व्यापार करने वाले व्यापारियों के प्रतिनिधित्व को लेकर दोयम दर्जे का व्यवहार कर रहा है। कमल सोनी (Kamal Soni) का कहना है कि छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स एडं इंडस्ट्रीज का संगठन छत्तीसगढ़ स्तर का है फिर इसमें अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष का चुनाव लडऩे वाला व्यक्ति रायपुर का ही क्यों हो? ऐसे में संगठन का नाम तो रायपुर चेंबर ऑफ कामर्स होना चाहिए। उन्होंने बताया कि संविधान में क्षेत्र विशेष से जुड़े व्यापारी सदस्य को ही लाभ पहुचाने के उद्देश्य से गत वर्ष किये गये संशोधित मूल संविधान की- धारा 16(ब)(7) कार्यकारिणी के सदस्य या पदािधकारी पुन: चुनाव के लिए खड़े हो सकेंगे।
चेंबर, अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष दो कार्यकाल से ज्यादा एक पद पर नही रहेगे। यह व्यवस्था पारित प्रस्ताव दिनांक 11.11.2011 के पश्चात के अध्यक्ष, महामंत्री व कोषाध्यक्ष पर लागू होगी। कमल सोनी का आरोप है कि इस संशोधित संविधान को भी लुप्त कर दिया गया है। जिसके तहत दो बार संघ का कार्यकाल कर चुका व्यक्ति भी तीसरी, चौथी बार भी चुनाव लड़ सकता है। इससे छ.ग. के अन्य सदस्यों के अधिकार और प्रतिभा का हनन हो रहा है और एक ही क्षेत्र रायपुर के व्यापारियों के पेनल का एकाधिकार और संस्था पे काबिज होने पर संपूर्ण छत्तीसगढ़ के व्यापारिक हित का नुकसान हो रहा है।
श्री सोनी ने कहा कि पूरे हिन्दुस्तान में किसी भी संस्था के संविधान में इस तरह का बंधन नहीं होगा कि वह किसी राज्य की राजधानी का ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। जिससे क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने के लिए एक ही क्षेत्र रायपुर के सदस्यों को प्रमुख तीन पद अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष पद के लिए पात्रता देना है। छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे बड़ी संस्था जो व्यापार एवं व्यापारियों के हित के लिए बनी है जो क्षेत्रवाद के जाल में फंस गई है जिसके अंतर्गत मूल संविधान को संशोधित कर स्वार्थ भाव के लिए एक क्षेत्र और एक क्षेत्र के पेनलो को ही विशेषाधिकार देते हुए रायपुर को छोड़कर छत्तीसगढ़ का कोई भी व्यापारी नेतृत्व नहीं कर सकता।
अत: हम सरकार से मांग करते है कि ऐसे असंवैधानिक प्रक्रिया में हो रहे चुनाव को रोका जाए। सभी क्षेत्र और सभी संभागों, सभी जिलों के सदस्यों में समानता के साथ प्रतिभा के आधार नई कार्यकारिणी बनाई जाए। उनका आरोप है कि छत्तीसगढ़ स्तर की संस्था उसके मूल स्वरूप व उद्देश्य से भटक रही है। नतीजतन रायपुर क्षेत्र में संस्था दो गुटो में बंट गई है। जिसके चलते व्यापारियों एवं व्यापारिक हित का नुकसान हो रहा है। अगर संविधान के अनुसार प्रतिभा का चयन चुनाव कर कोई नेतृत्व आता है तो व्यापार हित के कार्य होंगे और विकास होगा।