कृषि वैज्ञानिकों ने बताया, छत्तीसगढ़ की माटी पर कैसे लें बंपर उत्पादन

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया, छत्तीसगढ़ की माटी पर कैसे लें बंपर उत्पादन

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रायपुर/नवप्रदेश।छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के कृषि वैज्ञानिकों (agriculture scientist) ने बताया है कि आखिर किस तरह छत्तीसगढ़ (chhattisgarh crop land) की जमीन पर बंपर उत्पादन (bumper production) लिया जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने प्रदेश के किसानों को मौसम आधारित कृषि की सलाह दी है, ताकि व ज्यादा से से ज्यादा उत्पादन (bumper production) ले सकें।

वैज्ञानिकों (agriculture scientist) का कहना है कि रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें। इससे सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीड़ों के अंडे तथा घास के बीज नष्ट हो जाएंगे। इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहां संभव हो अपने खेत का समतलनीकरण करवाएं।

अनाज को भडारण में रखने से पहले भंडार घर की अच्छी तरह सफाई करें तथा अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें एवं कूड़े-कचरे को जला या दबाकर नष्ट कर दें। भंडारण की छत, दीवारों और फर्श पर एक भाग मेलाथियान 50 ई.सी. को 100 भाग में मिलाकर छिड़काव करें।

 हरी खाद के लिए इन चीजों की करें बुवाई

छत्तीसगढ़ (chhattisgarh crop land) ग्रीष्मकाल में हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा, ग्वार, लोबिया, मूंग आदि की बुवाई कर सकते हैं। सनई की बीज दर 60-70 और ढैंचा की 50-60 किलोग्राम प्रति हेक्टेर की दर से बुवाई करें। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है। इसी प्रकार ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बुआई इस सप्ताह कर सकते हैं, बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। बीजों को 3-4 सेंटीमीटर गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 सेंटीमीटर रखें।

अरहर, कपास के लिए करें खेतों को तैयार

किसान अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।
तापमान अधिक रहने की संभावना को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम को करें तथा इसके बाद इस छायादार स्थान पर रखें।

बेल वाली फसलों के लिए मृदा में बनाए रखे नमी

इस मौसम में बेल वाली फसलों में न्यूनतम नमी बनाए रखें अन्यथा मृदा में कम नमी होने से परागण पर असर हो सकता है, जिससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है।

भिंडी की भरपूर उत्पादन के लिए दिए ये टिप्स

भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद यूरिया 5-10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डाले तथा माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहे। अधिक कीट पाए जाने पर ईथियॉन 5-2 मिली-लीटर पानी की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। इस मौसम में भिंडी की फसल की हल्की सिंचाई कम अंतराल पर करें।

बैंगन-टमाटर के लिए दिए ये सुझाव

बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फसल छेदक कीट से बचाव के लिए ग्रसित फलों तथा प्ररोह को इकठ्ठा कर नष्ट करें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेइ कीटनाशी 48 ई.सी एक मिली-4 लीटर पानी की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। अगले दो दिन तक मौसम शुष्क रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी सब्जियों तथा खड़ी फसलों में हल्की सिंचाई करें। सिंचाई सुबह या शाम के समय ही करें।

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