Chhath Puja : जरूर रखें इन बातों का ध्यान, वरना छठी मैय्या हो सकती हैं नराज़
Chhath Puja : भगवान सूर्य देव और छठी मैय्या के व्रत का महापर्व छठ आज से मनाया जाएगा। आज कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन नहाया-खाया से छठ पर्व की शुरूआत होती है। डूबते सूरज का अर्ध्य 10 नवंबर को षष्ठी के दिन चढ़ाया जाएगा।
भगवान सूर्य जैसी तेजस्वी संतान की प्राप्ति और उसकी दीर्ध आयु के लिए छठ का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि छठी (Chhath Puja) मैय्या व्रत और पूजन से प्रसन्न होकर संतान का सुख प्रदान करती हैं। लेकिन छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। इस व्रत में हमें कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं इनके बारे में…
1-छठी मैय्या को सफाई और स्वच्छता विशेष रूप से प्रिय है। छठ के पर्व में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
2- छठ का प्रसाद उस जगह पर नहीं बनाना चाहिए, जहां पर रोज का खाना बनात हो। छठ का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर बनाना चाहिए।
3- छठ का प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें, पूजा से पहले इस किसी भी तरह से जूठा न होने दें और नहीं इसमें पैर लगने दें।
4- छठ पूजा के किसी भी समान को बिना नहाए न छुए।
5- छठ का व्रत रखने वाले व्रती को नये कपड़े पहनने चाहिए।
6- छठ का व्रत रखने वाले को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। जमीन पर चादर बिछा कर सोयें।
7- भगवान सूर्य को अर्ध्य देते समय चांदी, स्टील, कांच या प्लास्टिक के लोटे का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
8- छठ की पूजा में सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इस दौरान लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
9- व्रती (Chhath Puja) को बिना भगवान सूर्य को अर्घ्य दिए, खाना या पानी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
10- छठ पर्व में ठेकुआ का प्रसाद जरूर बनाएं, ये छठी मैय्या का सबसे प्रिय प्रसाद है।
नहाय खाय से छठ पूजा का प्रारंभ
खरना: छठ पूजा (Chhath Puja) का दूसरा दिन खरना होता है, जो इस वर्ष 09 नवंबर को है। खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। खरना छठ पूजा का महत्वपूर्ण दिन होता है। खरना वाले दिन व्रत रखा जाता और रात में खीर खाकर फिर 36 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है। खरना के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है।
छठ पूजा: खरना के अगले दिन छठी मैया और सूर्य देव की पूजा होती है। इस साल छठ पूजा 10 नवंबर को है। छठ पूजा के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा समापन: छठ पूजा का समापन अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हो जाता है। 36 घंटे का कठिन व्रत पारण के बाद पूर्ण किया जाता है।
08 नवंबर: दिन: सोमवार: नहाय खाय से छठ पूजा का प्रारंभ।
09 नवंबर: दिन: मंगलवार: खरना।
10 नंवबर: दिन: बुधवार: छठ पूजा, डूबते सूर्य को अर्घ्य।
11 नवंबर: दिन: गुरुवार: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, छठ पूजा समापन।
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