Change in Cabinet : टीएस सिंहदेव राज्यसभा में…
प्रमोद अग्रवाल/रायपुर। Change in Cabinet : दिल्ली से मंत्रिमंडल में परिवर्तन के लिए हरी झंडी लेकर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 15 नगरीय निकायों के चुनाव में हुई विजय ने कांग्रेस की बांछे खिल गई है और इस कार्यकाल के पूरा करने के साथ साथ अब अगले कार्यकाल के लिए भी भूमिका तथा रणनीति बनाने के लिए भूपेश बघेल को स्वतंत्र माहोल मिल गया है।
राज्य में तीन महीने बाद राज्य सभा की दो सीटों का चुनाव होना है और इसी दौरान मंत्रिमंडल का पुनर्गठन भी होना है। यह अटकलें लगाई जा रही है कि मुख्यंमत्री पद के प्रबल दावेदार रहे टीएस सिंह देव को इस बार राज्यसभा भेजा जा सकता है और उनकी जगह किसी वरिष्ठ विधायक को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। साथ ही साथ उनके द्वारा खाली किए जाने वाली अंबिकापुर सीट से उनके भतीजे को विधानसभा में लाया जा सकता है।
ढाई-ढाई साल के बंटे हुए कार्यकाल को लेकर चल रही तमाम कवायदों पर अब विराम लग चुका है। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जो संयम दिखाया गया और अपने बड़े नेताओं के समक्ष उन्होने जो तालमेल और संगठनात्मक शक्ति का प्रदर्शन किया उसका प्रभाव यह हुआ है कि अब ढाई-ढाई साल वाले कार्यकाल की बात इतिहास बन गई है। हाल के दिल्ली दौरे में राहुल गंाधी से उनकी मुलाकात के बाद जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब रायपुर लौटे तो उनके हावभाव से लग रहा था कि वे आत्मविश्वास से लबरेज है और श्रीमती प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को अपने पक्ष में समझा पाने वे सफल रहे है।
इसीलिए जब उनके पूछा गया कि मंत्रीमण्डल में परिवर्तन (Change in Cabinet) के जिस कारण को लेकर वे दिल्ली गए थे उसका क्या हुआ यह सामान्य प्रक्रिया है और इसे कभी भी पूरा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री की भावभंगिमा और बयान से लगता है कि उन्हे अब प्रदेश में अपने अनुसार कार्य करने की छूट मिल गई और इसीलिए राजनैतिक अटकलों का बाजार गर्म है।
राज्य में अप्रैल तक भाजपा के रामविचार नेताम और कांग्रेस की छायावर्मा का कार्यकाल पूरा हो रहा है और इन दोनों सीटों पर इस बार कांग्रेस के प्रतिनिधि का चुना जाना तय है। एक समय था जब भाजपा की सरकार के दौरान रामविचार नेताम को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता था और उनका यह दावा आदिवासी होने के कारण बार-बार भारी पड़ता था तब उस समय की भाजपा सरकार ने उन्हे राज्य सभा भेजकर उस कहानी का पटाक्षेप कर दिया था। लगभग वहीं कहानी फिर दोहराई जा रही है।
पार्टी बदल गई है लेकिन मोहरे वैसे ही चले जा रहे है। इसलिए लोगों को लग रहा है कि सिंह देव को राज्यसभा भेजकर उन्हे राष्ट्रीय राजनीति में भेजा जाएगा और उनके परिवार के नए सदस्य को राजनीति में लाकर उन्हे संतुष्ट भी कर लिया जाएगा। इससे राज्य में कांग्रेस की अस्थिरता को साधने में भी मदद मिलेगी (Change in Cabinet) और आने वाले चुनाव के अनुसार कार्य करने के लिए भूपेश को खुला मंच भी मिल जाएगा।