Chanakya Niti: चाणक्यनीति- खुश तो कोई भी रह सकता है, लेकिन संतुष्ट कैसे रहें, आचार्य चाणक्य ने बताए तीन उपाए..

Chanakya Niti: चाणक्यनीति- खुश तो कोई भी रह सकता है, लेकिन संतुष्ट कैसे रहें, आचार्य चाणक्य ने बताए तीन उपाए..

Chanakya Niti: Chanakya Niti- Anyone can be happy, but how to remain satisfied, Acharya Chanakya told three ways..

Chanakya niti

-वर्तमान समय में लोगों के पास खुशी खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है, लेकिन संतुष्टि गायब है

Chanakya Niti: चाणक्य नीति महान कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित पुस्तक है। इसमें उन्होंने मानव जीवन के कई पहलुओं का समाधान दिया है। यदि हम इस पर अमल करें तो हम भी निश्चित रूप से एक सफल जीवन की ओर दौड़ सकते हैं। इसके लिए आइए उनके द्वारा सिखाए गए नैतिकता का बारीकी से अध्ययन करें और उन मंत्रों को आत्मसात करें।

किसी को भी बहस में पडऩा पसंद नहीं है। लेकिन अक्सर हम बिना वजह बहस में पड़ जाते हैं और सामने वाले से दुश्मनी मोल ले बैठते हैं। इससे दिल टूटना और भी अलग है। इन चीजों पर नियंत्रण पाने और सुखी और संतुष्ट जीवन जीने के लिए, आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) तीन चीजों पर महारत हासिल करने का सुझाव देते हैं। आइए जानें क्या हैं वो तीन चीजें।

अहंकार : अहंकार से बाधित व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता। वे अपना जीवन खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने और अपनी योग्यता साबित करने में बिता देते हैं। घमंड का घर गिरा, कहावत है हमारे यहां इसीलिए स्वाभिमान तो होना चाहिए लेकिन अभिमान नहीं। स्वाभिमान आत्मविश्वास को जन्म देता है, जबकि अभिमान अहंकार को जन्म देता है! जब आंखों पर अहंकार की पट्टी बंध जाती है तो हम अपनी प्रतिभा का सही उपयोग नहीं कर पाते। दूसरों से अच्छा सीखने की क्षमता खो देता है। तो आइए भगवान से प्रार्थना करें कि अहंकार की हवा न चले और हम हमेशा अपने प्रति ईमानदार रहें!

स्वार्थ: स्वार्थी व्यक्ति दूसरों का हित नहीं देख पाता। यह हमारी ही नजर में है। हम यह देखने की क्षमता खो देते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है। यदि तनावपूर्ण एवं विवादास्पद स्थिति हो तो स्वार्थी व्यक्ति दूसरों के सामने असहाय हो जाता है। उनकी धुन पर नाचता है और आत्मसम्मान खो देता है।

क्रोध: क्रोध में वह सब कुछ खोने की शक्ति है जो आपने कभी कमाया है। क्योंकि आपका गुस्सा आपके व्यक्तित्व के कमजोर पक्ष को दर्शाता है। यदि गुस्सा और क्रोध सही जगह पर हैं, तो विपरीत होगा। दूसरी ओर यदि इसे अनजाने में व्यक्त किया जाता है, तो आप केवल एक शब्द या कार्य के साथ अब तक अर्जित की गई अच्छाई को खो देते हैं।

यदि इन तीन महत्वपूर्ण बातों को बताए अनुसार नियंत्रण में रखा जाए तो इस शहरी शोर में भी आपको शांति और संतुष्टि अवश्य मिलेगी।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *