Chanakya Niti : जो मर्द नहीं रखते पत्नियों को ऐसे सुखी, हो जाते हैं पाई-पाई के लिए मोहताज

Chanakya Niti : जो मर्द नहीं रखते पत्नियों को ऐसे सुखी, हो जाते हैं पाई-पाई के लिए मोहताज

नई दिल्ली, नवप्रदेश। महान विद्वान, नीतिशास्त्री, कूटनीतिज्ञ, शिक्षक, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य की लिखी बातों को जान लेता है तो वह कोई भी गलत काम करने से पहले विचार जरूर करता है।

आचार्य चाणक्य ने मां लक्ष्मी को खुश रखने या फिर उनके रुष्ट होने पर किन तरीकों से प्रसन्न करें, इन सारी बातों का वर्णन अपनी चाणक्य नीति में किया है। आइए जानते हैं कि आपके कौन से कामों से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हिंदु धर्म में यदि कोई व्यक्ति ज्यादा लालच, आलस्य और लोगों का अपमान करता है तो उसे जीवन में किसी न किसी परेशानियों से जूझाना पड़ता हैं। चाणक्य नीति में भी काम, क्रोध, लोभ और आलस्य को लेकर बहुत सारी बातों का जिक्र किया गया है।

माना जाता है कि यदि व्यक्ति अपनी इन 3 आदतों से बाज नहीं आता है तो उसके जीवनकाल में धन की कमी बनी रहती है और वह पाई- पाई का मोहताज हो जाता है. इतना ही नहीं इसका भोग आने वाली पीढ़ियों को भी भोगना होता है।

कामवासना  – आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई पुरूष अपनी पत्नी का सम्मान ना करें या उसे छोड़कर दूसरी औरतों के प्रति काम का मोह रखें तो ऐसे पुरूषों से मां लक्ष्मी हमेशा खिन्न रहती हैं. ऐसे लोगों के पास धन की कमी बनी रहती है. क्योंकि जो व्यक्ति घर की लक्ष्मी को खुश नहीं रख पाता, उसके घर लक्ष्मी का वास नहीं हो सकता।

लालच – आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि कोई व्यक्ति लोभी है. वह दिन-रात बस इसी विचार में रहता है कि धन कैसे प्राप्त किया जाए , छल-कपट करता है तो ऐसा व्यक्ति कितना भी धन क्यों न पा लें उसकी मन, शरीर बस थोड़ा और के लिए जूझता ही रहेगा। साथ ही ऐसे लोगों के पास मां लक्ष्मी का वास नहीं रहता है। मां उनसे खिन्न हो जाती है।

आलस्य – जो व्यक्ति अपने आलस्य का त्याग नहीं कर पाते हैं तो ऐसे लोगों के पास भी धन की कमी हो जाती है। मां लक्ष्मी का वास हमेशा स्वच्छ, सुंदर और आलस्य का त्याग करने वाले व्यक्तियों के पास ही होता है। जो व्यक्ति इन कामों से परहेज करता है वह हमेशा बीमार बना रहता है साथ ही ऐसे लोग कर्ज में डूबे हुए होते हैं।

कटुभाषा  – शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति कटुभाषा का इस्तेमाल करता है. लोगों को नीचा दिखाना, झूठ बोलना या फिर घमंड करता है और अपने बड़े-बूढ़ों का आदर-सम्मान नहीं करता है तो ऐसे व्यक्तियों के पास धन नहीं टिकता। साथ ही किसी न किसी परेशानी में उलझे हुए होते हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार काम, लोभ, आलस्य और कटुभाषा का त्याग कर दें तो लोगों को सुख- समृद्धि प्राप्त होती हैं। यदि कोई व्यक्ति लोभ नहीं करता है, आलसी नहीं है और लोगों को सम्मान करता है तो उसपर किस तरह से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

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