Chanakya Niti : ऑफिस में अगर आप भी चाहते हैं लीडर बनना, तो कभी न करें ये गलतियां, वरना छिन सकती है आपकी लीडरशिप…
नई दिल्ली, नवप्रदेश। अपने करियर के किसी मुकाम पर हर कोई लीडर बनना चाहता है, लेकिन ये इतना आसान नहीं है क्योंकि लीडरशिप एक जिम्मेदारी है जिसे हलके में नहीं लिया जा सकता। चाणक्य कहते हैं कि इस संसार में सारा खेल कुर्सी का है। लीडर की कुर्सी पाने के लिए व्यक्ति सालों मेहनत करता है, जतन करता है।
चाणक्य कहते हैं कि एक अच्छा लीडर वो होता है जो रास्ता जानता है, खुद भी उस रास्ते पर चलता है और दूसरों को सही रास्ता दिखाता है. चाणक्य ने बताया है कि लीडरशिप की जिम्मेदारी संभालते हुए किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो आपकी गलतियां सिर से लीडरशिप का ताज छीन लेगी।
निर्णय लेने में असमर्थ – एक लीडर के तौर पर ये बहुत जरूरी है कि सही समय पर सही निर्णय लें, क्योंकि आपके निर्णयों पर ही टीम की परफॉरमेंस निर्भर करती है। जो इस कार्य में असमर्थ होते हैं वे लोग लीडर बनने में असफल हो जाते हैं।
चाणक्य के अनुसार परिस्थिति का अच्छी तरह से विश्लेषण कर उसके सभी आयामों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेता है उससे हो सकता है कई लोग नाखुश हों लेकिन बड़े स्तर पर आपका डिसिजन कंपनी को फायदा पहुंचाएगा। निर्णय लेने में देरी करना आपकी योग्यता पर सवाल खड़े करता है।
गलतियों को बार-बार दोहराना – गलतियां सबसे होती है, लेकिन एक ही गलती को बार-बार करने पर माफ नहीं किया जा सकता क्योंकि वह आदत बन जाती है। ऐसे में खुद की गलतियों से सबक लेना बहुत जरूरी है।
कुर्सी पाने की इस होड़ में दूसरे मौके की तलाश में बैठे रहते हैं, एक ही गलती को दोहराना दूसरों को फायदा पहुंचाने है। एक काबिल लीडर बने रहने के लिए हर काम के प्रति अपनी जवाबदेही स्वीकारना जरूरी है, इसलिए कभी भी जिम्मेदारी लेने से पीछे न हटें।
जमाने के साथ बदलें – कहावत है जैसा देश वैसा भेस, इसे जितनी जल्दी समझ लें आपके लिए अच्छा होगा। चाणक्य कहते हैं कि वक्त के साथ अपनी कार्यशैली में भी बदलाव करते रहना चाहिए।
नया नहीं सीखेंगे तो दूसरों से मुकाबला नहीं कर पाएंगे। जो नई तकनीक सीखने में कोताही बरतते हैं, खुद को अपडेट और अपग्रेड नहीं करते उनकी जल्द बहुत जल्द छिन जाती है।