chanakya neeti: शुद्र प्राणियों का समूह बड़े-बड़े शत्रुओं पर विजय..
chanakya neeti: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अनेक शुद्र प्राणियों का समूह मिलकर बड़े-बड़े शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लेता है, अकेला व्यक्ति बलशाली होने पर भी कुछ नहीं कर पाता।
जिस तरह से क्षुद्र तृण भी समूह रूप में मिल जाने पर, अर्थात् छप्पर का रूप ले लेने पर अखण्ड जलधारा को बरसाने वाले बादल के वेग को रोकने में समर्थ हो जाता है।
कहने का अभिप्रायः यह है कि संगठन में ही शक्ति है। तरह-तरह के व्यक्तियों (chanakya neeti) को वश में करने के उपाय भी अलग-अलग हैं। बलशाली सज्जन शत्रुओं को अनुकूल व्यवहार करके ही वश में करना चाहिए।
नीच प्रवृत्ति के शत्रु को वश में करने के लिए उनके प्रतिकूल व्यवहार करना चाहिए। जो शत्रु अपने समान बलशाली है उसको परिस्थिति देखकर नम्रता से भी झुकाया जा सकता है। जिसके प्रति लगाव, अर्थात् सच्चा प्रेम है, वह उससे दूर रहता हुआ भी समीप होता है।
इसके विपरीत जिसके प्रति लगाव (chanakya neeti) नहीं है, वह प्राणी समीप होते हुए भी दूर होता है। वस्तुतः मन का लगाव न होने पर आत्मीयता बन ही नहीं पाती, किसी प्रकार का सम्बन्ध जुड़ ही नहीं पाता।