Challenge to Taliban : तालिबान को मिली कड़ी चुनौती
Challenge to Taliban : कुख्यात आतंकि संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान में तख्ता जरूर पलट दिया है लेकिन पंजशीर प्रांत से तालिबान को कड़ी चुनौती मिल रही है। वहां की नार्दन अलायंस के लड़ाकों ने मसूद के नेतृत्व में तालिबान के छक्के छुड़ाना शुरू कर दिया है। पंजशीर के बार्डर पर तालिबानी आतंकियों और नार्दन अलायंस के बीच पिछले तीन दिनों से जबरदस्त जंग चल रही है और इस जंग में पंजशीर के शेर तालिबान पर भारी पड़ रहे है। इस जंग में अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा तालिबानी आतंकि मारे जा चुके है और कई आतंकि नार्दन अलायंस के गिरफ्त में आ गए है।
अपने सिमित संसाधनों के बावजूद नार्दन अलायंस के लड़ाके तालिबान से लोहा ले रहे है और उनपर भारी पड़ रहे है। नाईन अलायंस को पड़ौसी देश ताजिकिस्तान ने गोला बारूद और अन्य हथियार उपलब्ध कराएं है जिससे नार्दन अलायंस को नई ताकत मिली है। गौरतलब है कि तालिबान (Challenge to Taliban) के खिलाफ लड़ाई में नार्दन अलायंस ने दुनिया के अन्य देशों से भी मदद की गुहार लगाई हैै लेकिन अब तक किसी भी देश ने उनकी मदद के लिए अपने हाथ आगे नहीं बढ़ाए है।
यदि ताजिकिस्तान की तरह ही अन्य देश भी आतंकि संगठन तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रहे नार्दन अलासंय को हथियार उपलब्ध कराते है तो निश्चित रूप से मसूद की जाबांज सेना का मनोबल बढ़ेगा और उन्हे नई ताकत मिलेगी। ऐसी स्थिति में तालिबान का सफाया होते देर नहीं लगेगी। तालिबान ने अफगानिस्तान में जो खौफ का माहौल बना रखा है और अफगानियों के खिलाफ दमन चक्र चला रखा है उससे अफगानियों में व्यापत भय की भावना ने अब गुस्से का रूप लेना शुरू कर दिया है और वे भी अब तालिबान का विरोध करने के लिए तैयार हो रहे है लेकिन बगैर हथियारों के वे तालिबान का प्रतिकार नहीं कर सकते।
यही वजह है कि वे अफगानिस्तान छोड़ कर पलायन करने के लिए बाध्य हो रहे है। यदि विश्व बिरादरी अफगानिस्तानियों की मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाती है तो तालिबान (Challenge to Taliban) को अफगानिस्तान की जनता भी कड़ी चुनौती दे सकती है। अफगानिस्तान के मुद्दे पर जी-7 के देशों की बैठक चल रही है इसमें क्या फैसला होता है यह देखना होगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि तालिबान जैसे आतंकि संगठन के खिलाफ दुनिया के अन्य देश एकजुटता दिखाएंगे और अफगानिस्तानियों की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाएंगे।