CGPSC Paper Leak Case : पेपर लीक हत्या से भी बड़ा अपराध…CGPSC घोटाले पर हाईकोर्ट का सख्त संदेश…तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज…

CGPSC Paper Leak Case
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित PSC भर्ती घोटाले में हाई कोर्ट ने पेपर लीक को युवाओं के भविष्य की हत्या बताया। परीक्षा नियंत्रक सहित तीन आरोपियों को राहत नहीं मिली, न्याय ने साफ कहा, यह फसल को बाड़ से ही खा जाने जैसा मामला है।
CGPSC Paper Leak Case : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2020 भर्ती घोटाले में पेपर लीक मामले को लेकर हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक टिप्पणी करते हुए कहा कि “जो व्यक्ति प्रश्नपत्र लीक करता है, वह लाखों युवाओं के भविष्य की हत्या करता है – यह हत्या से भी बड़ा अपराध है।”
न्यायमूर्ति बिभू दत्त गुरु की एकलपीठ ने तीन प्रमुख आरोपितों
ललित गणवीर (परीक्षा नियंत्रक)
श्रवण गोयल (उद्योगपति)
शशांक गोयल (उद्योगपति का बेटा)
की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
क्या था घोटाला?
यह मामला CGPSC 2020 परीक्षा से जुड़ा है जिसमें डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे अहम पदों के लिए पेपर लीक किया गया था।
तत्कालीन PSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने दो भतीजों को प्रश्न पत्र (CGPSC Paper Leak Case)दिलवाया।
लीक की कड़ी परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर से शुरू होकर उद्योगपति श्रवण गोयल तक पहुंची, जिन्होंने अपने बेटे व बहू को फायदा दिलवाया।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की याचिका में खुलासा किया गया कि इस परीक्षा में कई राजनीतिक और प्रशासनिक परिवारों के रिश्तेदार अवैध रूप से चयनित हुए।
कोर्ट की टिप्पणी
“यह बाड़ द्वारा ही फसल खाने जैसा है… इतने सारे रिश्तेदारों का चयन महज़ इत्तेफाक नहीं हो सकता।”
CBI जांच में अब तक…
6 से अधिक गिरफ्तारियां
PSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह, उनके भतीजे, परीक्षा नियंत्रक, उद्योगपति और उनके परिजन (CGPSC Paper Leak Case)गिरफ्तार
भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुआ था यह घोटाला
अब क्या?
यह मामला सिर्फ एक भर्ती प्रक्रिया का नहीं, बल्कि सिस्टम के नैतिक ढांचे की जड़ें हिलाने वाला है। हाई कोर्ट की सख्ती से यह साफ है कि न्यायपालिका भ्रष्टाचार और योग्यता से खिलवाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।