CG: टीबी खोजी दल को 989 संभावितों की जांच में मिले 18 नए टीबी मरीज..
बेमेतरा। National Tuberculosis Eradication Program: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के तहत चलाये जा रहे एक्टीव केस फाइंडिंग कार्यक्रम में 18 नए टीबी पॉजिटीव मरीजों की पहचान की गयी है। जिले में 1,954 खोजी दल के द्वारा कुल 1.57 लाख परिवारों के 7.84 लाख सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें से 989 संभावित लोगों की पहचान की गयी।
इन टीबी संभावितों को दो सप्ताह से अधिक बुखार, खांसी, रात में पसीना, शरीर में गठान व कमजोरी की समस्या के आधार पर पहचान की गई। इन सभी संभावितों की सेंपल जांच टीबी अस्पताल के लैब में बलम की जांच कराई गई। यहां की जांच रिपोर्ट के आधार पर 18 नए मरीजों में टीबी की पुष्टि हुयी है ।
टीबी के नए मरीजों में 70 फीसदी पुरुष-
जिला क्षय रोग उन्मूलन (National Tuberculosis Eradication Program) अधिकारी डॉ. नितेश चौबे ने बताया, “सघन टीबी खोज कार्यक्रम के तहत घर-घर टीबी रोगी खोज अभियान चारों ब्लॉक में 10 सितंबर से चलाया जा रहा है। 10 अक्टूबर तक एक महीने में खोजी दल के द्वारा कुल 1.57 लाख परिवारों के घरों में रहने वाले 7.84 लाख सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 989 संदेहास्पद लोगों की खोज कर सेंपल जांच में 18 टीबी के नए एक्टिव मरीजों की पहचान हुयी है।
डॉ. चौबे ने बताया, टीबी के नए मरीजों में 70 फीसदी पुरुष होते हैं। पुरुषों के द्वारा शराब, बीड़ी, तंबाकू के सेवन से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इस कारण वह जल्दी टीबी की चपेट में आ जाते हैं। डॉ. चौबे ने बताया, छत्तीसगढ़ को 2023 तक टीबी मुक्त राज्य बनाने के लिए जिले की पूरी जनसंख्या की टीबी जांच कर नए रोगियों की पहचान जरुरी है।
इस लिए खोज अभियान कार्यक्रम को 31 अक्टूबर 2021 तक के लिए बढा दिया गया है। ताकि जिले की कुल आबादी 9.38 लाख लोगों की शतप्रतिशत जांच हो सके। इनमें से 7.84 लाख लोगों की स्क्रिनिंग हो चुकी है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत अब शेष बचे 1.54 लाख लोगों की 31 अक्टूबर तक जांच करने का लक्ष्य रखा गया है।“
लक्षण वाले व्यक्ति रोग को छिपाएं नहीं-
सीएमएचओ डॉ. प्रदीप घोष ने अपील की है, “यदि टीम के लोग किसी के घर पहुंचे तो टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। टीबी रोग की पुष्टि होने पर उनका समुचित इलाज होगा। उन्होंने कहा, टीबी हारेगा देश जीतेगा थीम पर चलने वाले अभियान के दौरान टीम के लोग जन सामान्य को माइकिंग, पंपलेट, हाउस स्टीकर के माध्यम से भी टीबी से बचाव के लिए जागरूक करेंगे।
टीबी रोगी के बारे में सूचना देने वाले व्यक्ति गैर वेतनभोगी को 500 रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जा रहे है। इलाज के दौरान रोगी को भी प्रतिमाह 500 रुपये मिल रहा है। बेमेतरा जिला को टीबी से पूर्णत: मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत-संकल्पित है। इसमें समाज के सभी जागरूक प्रबुद्ध वर्ग, सभी अस्पताल एवं चिकित्सकों एवं निजी अस्पतालों की भूमिका निभाने की आवश्यकता है।“