EXCLUSIVE : अब ड्यूटी से गायब नहीं रह सकेगा वन अमला, हुआ ये तगड़ा बंदोबस्त
रायपुर/नवप्रदेश। प्रदेश के वन विभाग (cg forest department app) के अधिकारी और कर्मचारी ( officers and employees) अब बिना सूचना के अपने कार्य क्षेत्र से गायब हुए तो इसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ेगा। उन पर अब ऐप के जरिए नजर (monitoring) रखी जाएगी।
क्योंकि वन विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों के कामों में कसावट की तैयारी में जुट गया है। इसी कड़ी में वन विभाग (cg forest department app) द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों (officers and employees) पर पल-पल की नजर (monitoring) रखने के लिए सीजी अरण्य नामक ऐप की शुरुआत करने जा रहा है।
इस ऐप के शुरू होने से अधिकारी और कर्मचारी अब अपने कार्यक्षेत्र से गायब हुए तो तुरंत जानकारी मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को मिलेगी। इसके साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को दिन में तीन बार ऐप पर अपनी फोटो अपडेट कर हाजिरी लगानी पड़ेगी। ऐप के शुरू होने से वन विभाग के कर्मचारी चाह कर भी काम के प्रति लापरवाही नहीं कर सकेंगे।
ज्ञात हो कि प्रदेश में 06 हजार 600 फारेस्ट गार्ड तथा रेंजर, एसडीओ और डीएफओ आदि कार्यरत हैं। सूत्रों की माने तो वन विभाग में वर्तमान में सरगुजा और बस्तर, बीजापुर, और सुकमा में कार्यरत कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र में नहीं रहते हैं, इसकी शिकायत अरण्य भवन में बैठे वरिष्ठ अधिकारयों को अक्सर मिलती रहती है।
जीपीएस से रखेंगे हर हरकत पर नजर
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऐप जीपीएस युक्त रहेगा। जीपीएस के माध्यम से पता चलेगा कि बीट गार्ड कहां-कहां गया है, गस्त प्वाइंट में थे कि नहीं, इसके साथ ही उसे ड्यूटी के दौरान कम से कम तीन बार अपनी फोटो एप पर अपलोड़ करनी पड़ेगी। इससे अरण्य भवन में बनाए गए कंट्रोल कमाण्ड सेंटर में बैठे कर्मचारी उसका अपडेट करेंगे। इससे वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी फिल्ड पर रहने से काम में भी सुधार आएगा।
डेटा खत्म होने का भी नहीं चलेगा बहाना
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि छह हजार 200 लोग ऐप से जुड़ गए हैं, सिर्फ चार सौ ऐसे लोग हैं जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है और वह की बोर्ड वाला फोन चलाते हैं, ऐसे लोगों के लिए वन विभाग की तरफ से स्मार्ट फोन खरीदने के लिए व्यवस्था की जाएगी तो वहीं दूसरी तरफ वन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों को वन विभाग द्वारा सिम पहले ही दिया जा चुका है। मोबाइल का बिल कैंपा के मद से भरा जाएगा। इससे डेटा खत्म होने या फिर बैलेंस खत्म होने जैसी समस्या नहीं रहेगी।
मुख्यालय में अक्सर शिकायत आती रहती है कि हमारे कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र से गायब रहते हैं, जिसको देखते हुए ऐप की शुरुआत की जा रही है। ऐप के शुरू होने से अधिकारियों और कर्मचारियों की पल-पल की जानकारी मिलती रहेगी।
-राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, छग