CG Congress: महंत की ‘घुड़की’ से कांग्रेस में तूफान के पहले की शांति…
-भगदड़… हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार बयानबाजी पर एक्शन जारी, दो पूर्व विधायकों पर गिरी गाज
रायपुर/नवप्रदेश। charan das mahant: विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. चरणदास महंत की घुड़की से कांगे्रस में मची भगदड़ कितने समय के लिए थमी यह कहना मुश्किल है, लेकिन इसे तूफान के पहले की शांति माना जाना चाहिए। तीन दिन पहले महंत ने एक बयान जारी कर कहा था कि कांग्रेस की चुनावी हार को लेकर जिन लोगों के बयान आ रहे हैं वह ठीक नहीं है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जरुरत है। इस बयान को तीन दिन हुए और आज रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के सर्वाधिक मतों से पराजित प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास ने इस्तीफा दे दिया है।
चुनावी हार के बाद पहला बयान पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल का आया और उन्होंने सीधे-सीधे चुनावी हार के लिए भूपेश बघेल को जिम्मेदार ठहरा दिया। ठीक उसी के आसपास दूसरा बयान पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह का आया और उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और टीएस सिंहदेव को न केवल जिम्मेदार ठहराया, बल्कि सैलजा के विरूद्ध अभद्र टिप्पणी भी की।
इस बयान के मुताबिक बृहस्पत सिंह का कहना था कि टीएस सिंहदेव ड्राइविंग सीट पर बैठते थे और सैलजा वीडियो की रील्स बनाती थीं। तीसरा बयान विनय जायसवाल का आया और उन्होंने प्रदेश प्रभारी सचिव चंदन यादव पर 7 लाख रुपए लेने का आरोप लगा दिया। तीन दिनों में कांग्रेस में मची भगदड़ को देख डॉ. चरणदास महंत को सामने आना पड़ा और उन्होंने आगाह किया कि इस तरह के बयान न दिए जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
बयानबाजी तो बंद हुई, लेकिन इसे तूफान के पहले की शांति माना जाना चाहिए कि अनुशासनहीनता के आरोप में जिन लोगों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नोटिस भेजे है, उन नोटिसों का जवाब कांग्रेस कमेटी से पहले मीडिया हाउस तक पहुंच रहे। मसलन बृहस्पत सिंह ने जो जवाब कमेटी को भेजे उसी की एक कॉपी मीडिया को भी भेज दी। और अपने पूरे जवाब में टीएस सिंहदेव को जिम्मेदार ठहरा दिया।
गौरतलब हो कि बृहस्पत सिंह वे शख्स है, जब टीएस बाबा और भूपेश बघेल के बीच ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्रीत्व काल को लेकर राजनीतिक उठा पटक चल रही थी। तब भूपेश बघेल की ओर से बृहस्पत सिंह ने मोर्चा संभाल रखा था। मुख्यमंत्री पद से टीएस बाबा को दूर रखने के लिए बृहस्पत सिंह ने वो सारे धतकरम किए जिससे बाबा दूर रहे। यहां तक की उन पर खुद की हत्या करवाने का आरोप तक लगाए।
बाबा को इतना परेशान किया गया कि उन्हें एक डिपार्टमेंट छोडऩा पड़ा। चूंकि बृहस्पत सिंह सीएम हाउस के प्रभाव में थे। इसलिए वह सबकुछ कर रहे थे जो उन्हें करने कहा जा रहा था। हालांकि अपने नोटिस के जवाब में बृहस्पत सिंह ने लिखा है कि बाबा के राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस को घेरने का अवसर मिला और कांग्रेस चुनाव हार गई। आज ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है और स्पष्टीकरण मांगा है।
बृहस्पत और विनय 6 साल के लिए निष्कासित
कांग्रेस ने रामानुजगंज के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और मनेंद्रगढ़ डॉ विनय जायसवाल को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। दोनों नेताओं ने पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की थी। दोनों को नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की गई है। दूसरी ओर गुरूवार को ही पूर्व विधायक विनय जायसवाल के घर बृहस्पत सिंह समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने बैठक की। इसमें कांग्रेस के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और डॉ विनय जायसवाल को कांग्रेस ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
दोनों नेताओं ने पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की थी। दोनों को नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की गई है। विनय जायसवाल के घर पर कांग्रेस नेता गुरुवार को बैठक कर रहे थे। इसमें बृहस्पत सिंह, शिशुपाल सोरी, पद्मा मनहर, मोतीलाल देवांगन, चंद्रदेव राय, ममता चंद्राकर, अनीता शर्मा, चुन्नीलाल साहू, भुवनेश्वर बघेल समेत कई पूर्व विधायक मौजूद रहे।