रायपुर/नवप्रदेश। CG Chamber : छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का प्रतिनिधि मंडल आज खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत से मिलकर ज्ञापन सौंपा। जिसमे उन्होंने लिखा है कि उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार द्वारा उचित मूल्य पर खाद्य तेलों और खाद्य तिलहनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना। 30 जून 2022 तक की अवधि के लिए अधिकतम रख-रखाव योग्य स्टॉक सीमा के निर्धारण के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया।
केंद्र सरकार का स्टॉक लिमिट का निर्णय
चैंबर प्रदेश अध्यक्ष (CG Chamber) अमर पारवानी ने बताया कि भारत सरकार ने खाद्य तेल एवं तिलहन स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया है। इस सिलसिले में खाद्य मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। पारवानी ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य की आबादी लगभग 3 करोड़ है। शादी ब्याह के सीजन और बढ़ते हुए व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए खाद्य तेलों एवं खाद्य तिलहन में अलग-अलग तरह की वैराईटी पाई जाती है। बनी रहेगी खाद्य तेलों की उपलब्धता
व्यापारियों की ये मांग
खाद्य तेल और खाद्य तिलहन यानी सोयाबीन, सोयाबीन का तेल, सरसों, सरसों का तेल, फली, पोडली का तेल, अलसी, अलसी का तेल और अन्य तिलहन और तेल जीन्स हैं और ये सभी विभिन्न ब्रांडों के अंतर्गत आते हैं। चूंकि थोक दुकानदार द्वारा इन सभी चीजों की रेंज बनाए रखने के लिए स्टॉक की सीमा अधिक होती है। उन्होंने खाद्य मंत्री से थोक विक्रेताओं को खाद्य तेल में 2500 क्विंटल और खुदरा व्यापारियों को खाद्य तेल में 1000 क्विंटल और थोक विक्रेताओं को खाद्य तिलहन में 4000 क्विंटल और खुदरा विक्रेताओं को खाद्य तिलहन में 200 क्विंटल की स्टॉक सीमा तय करने का अनुरोध किया। परवानी ने कहा कि इससे राज्य में खाद्य तेलों की उपलब्धता बनी रहेगी और उन्हें मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन
चैंबर के ज्ञापन (CG Chamber) पर खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल, चेम्बर सलाहकार अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राम मंधान, मंत्री नीलेश मूंधड़ा, दिलीप इसरानी, जवाहर थौरानी, युवा चेम्बर महामंत्री कांति पटेल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
केंद्र सरकार ने दिसंबर तक बढ़ाया
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों और तिलहनों के स्टॉक या भंडार रखने की सीमा को इस साल दिसंबर तक बढ़ा दिया है। सरकार ने खाद्य तेल-तिलहनों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से फैसला लिया है। इस संबंध में जारी आदेश एक अप्रैल से प्रभावी होगा।
गौरतलब है कि, अक्टूबर 2021 में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मार्च, 2022 तक स्टॉक सीमा लागू की थी, और राज्यों को यह तय करने के लिए छोड़ दिया कि स्टॉक की सीमा उपलब्धता और खपत पद्धति पर आधारित होनी चाहिए अथवा नहीं।
-ताजा आदेश के अनुसार, खाद्य तेलों की स्टॉक सीमा खुदरा विक्रेताओं के लिए 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल, थोक उपभोक्ताओं के लिए यानी बड़ी खुदरा श्रृंखला वाले विक्रेताओं और दुकानों के लिए 30 क्विंटल और इसके डिपो के लिए 1,000 क्विंटल होगी। खाद्य तेलों के प्रोसेसर्स अपनी भंडारण/उत्पादन क्षमता के 90 दिनों तक का स्टॉक कर सकते हैं।
-तिलहन के मामले में खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक रखने की सीमा 100 क्विंटल और थोक विक्रेताओं के लिए 2,000 क्विंटल होगी। तिलहन के प्रोसेसर्स को दैनिक उत्पादन क्षमता के अनुसार खाद्य तेलों के 90 दिनों के उत्पादन के लिए स्टॉक करने की अनुमति होगी। निर्यातकों और आयातकों को कुछ चेतावनियों के साथ इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है।