CG Budget 2021 : न्याय की मजबूत बुनियाद से नए फलक की ओर…
CG Budget 2021-22 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेश किया वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट
- cg budget 2021-22 : बजट में न्याय योजनाओं व नरवा गरवा घुरवा बारी से मिली सफलता से इन पर भरोसे की
- झलकग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों को सहायता हेतु नवीन न्याय योजना का ऐलान
- सर्वाधिक राशि का प्रावधान खेती किसानी के लिए, अधोसंरचना विकास पर भी फोकस
बजट एक नजर में
कुल आय – 97 हजार 145 करोड़ रुपए
कुल व्यय – 97 हजार 106 करोड़ रुपए
राजकोषीय घाटा – 17 हजार 461 रुपए (जीएसडीपी का 4.56 फीसदी)
नई योजनाएं व नवाचार
- नवीन कौशल्या मातृत्व योजना।
- मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना।
- सड़क सुरक्षा निर्माण योजना।
- नदियों के किनारे-किनारे विद्युत लाइन का विस्तार।
- ग्रामीण क्षेत्रों मेंं रुरल इंडस्ट्रीयल पार्क की होगी स्थापना।
- सड़क सुरक्षा निर्माण योजना प्रारंभ होगी।
- नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र का निर्माण होगा।
- राज्य व राज्य के बाहर सी मार्ट स्टोर खुलेंगे।
रायपुर/नवप्रदेश। cg budget 2021-22 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट पेश किया। बजट में न्याय योजनाओं के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत हुई नींव के सहारे छत्तीसगढ़ राज्य को और नई उंचाई पर ले जाने का संकल्प परिलक्षित होता है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत अंग्रेजी के शब्द Height से करते हुए इसके एक-एक अक्षर पर आधारित बजट की खूबियों का ब्योरा दिया।
इस ब्योरे की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने किसान, पशुपालकों व मछुआरों को न्याय का जिक्र किया। भाषण का अंत भी उन्होंने न्याय के लिए एक शायरी पढ़कर किया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 5 हजार 703 करोड़ रुपए का प्रावधान किए जाने की जानकारी दी। दूसरे नंबर पर उन्होंने गोधन न्याय का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए 175 करोड़ रुपए के प्रावधान की बात कही।
मुख्यमंत्री ने राज्य (cg budget 2021 22) में किसान न्याय योजना का दायरा बढ़ाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए भी अलग से न्याय योजना शुरू की जाएगी। बजट में मुख्यमंत्री द्वारा अंग्रेजी के शब्द height का जिक्र करते हुए कहा कि इसके हर हर एक अक्षर में विकास के विभिन्न आयाम समाहित हैंं। मुख्यमंत्री ने उक्त शबद के एक एक अक्षर के जरिए अपने बजट के बिंदुओं का उल्लेख भी किया, जिसमें एच से होलिस्टिक डेवलपमेंट (समग्र विकास), ई- एजुकेशन (शिक्षा सबके लिए समान अवसर), आई-इन्फ्रास्ट्रक्चर (अधोसंरचना-विकास के पोषक), जी-गवर्नेंस (प्रशासन-संवेदनशील एवं प्रभावी), हेल्थ (स्वास्थ्य: स्वस्थ तन सबसे बड़ा धन) बताया गया।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा-
रास्ते की अड़चनों से, हम कभी डरते नहीं।
बात हो जब न्याय की, पीछे कभी हटते नहीं।।
समग्र विकास
इसका अर्थ समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र विकास का लाभ हमारे किसानों को, श्रमिकों को, वनवासी भाईयों को, माताओं और बच्चों को समान रूप से प्राप्त होता है। विकास की इस अवधारणा में बड़े नगरों का आधुनिकीकरण के साथ-साथ सूदूर दुर्गम क्षेत्र के गांवों में भी बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। विकास की इस प्रक्रिया में सुशासन की स्थापना के लिये आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही अपनी संस्कृति और परम्पराओं का संरक्षण कर उन्हें चिरंजीवी रखने के लिये भी पूर्ण प्रयास करते हैं।
खेती, किसान, पशुपालकों के लिए ये सौगातें :
-राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले से चयनित कुल 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 2021-22 के बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा।
- कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये 150 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है।
- सौर सुजला योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं नि:शुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है।
- गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
मछुआरों के लिए राशि
-वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्रवाई की जायेगी।
-वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।
श्रमिकों, कामाकाजी महिलाओं की ऐसे ली सुध:
- असंगठित श्रमिकों, ठेका मजदूरों, सफाई कामगारों एवं घरेलू कामकाजी महिलाओं के कल्याण की योजना में 61 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- राज्य बीमा अस्पताल योजना में 56 करोड़ तथा कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों हेतु 48 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
वन आश्रितों को सहायता
-शहीद महेंद्र कर्मा तेंदू पत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में इस हेतु 13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- विशेष केन्द्रीय सहायता पोषित स्थानीय विकास कार्यक्रमों हेतु 359 करोड़ तथा आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु 170 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
पत्रकारों को सहायता
राज्य (cg budget 2021-22) में पत्रकारों की दुर्घटनाजन्य आकस्मिक मृत्यु के प्रकरणों में दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जायेगा।
महिलाओं और बच्चों को पोषण और सुरक्षा
-महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर राज्य द्वारा 5 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जायेगी। इसके लिये नवीन कौशल्या मातृत्व योजना प्रारंभ की जायेगी।
-बच्चों की देखरेख सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी कार्यों के लिये एकीकृत बाल संरक्षण योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 47 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-विशेष पोषण आहार योजना में 732 करोड़, आंगनबाडिय़ों का सुधार एवं निर्माण योजना में 39 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों का ख्याल
निराश्रितों एवं बुजुर्गों को मासिक पेंशन हेतु सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 343 करोड़, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 190 करोड़ एवं मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 170 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 70 करोड़ एवं सुखद सहारा पेंशन योजना में 98 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना में 12 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु हेल्प लाइन की स्थापना एवं उनके भरण-पोषण हेतु नवीन मद में 75 लाख का प्रावधान रखा गया है।
नगरी क्षेत्रों के लिए भी खोला खजाना, स्वच्छता दीदियों का मानदेय बढ़ा :
-विभिन्न शासकीय सेवाओं की घर पहुंच सेवा के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना में 10 करोड़ का प्रावधान।
- मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेन्स एवं दाई-दीदी क्लीनिक के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में भी 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-स्वच्छता दीदियों का मानदेय 5 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रूपये किया गया है। - शहरी गरीबों को काबिज भूमि का पट्टा देने का निर्णय लिया गया है, इस निर्णय से उनके मकान निर्माण का मार्ग सुगम हुआ है।
- शहरी निर्धन परिवारों को बेहतर आवास उपलब्ध कराने हेतु सबके लिए आवास योजना के तहत 2021-22 में 457 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- अमृत मिशन योजना के लिए इस वर्ष 220 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्यों के लिए 482 करोड़, तथा जल आवर्धन योजनाओं के लिए 120 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित 17 नवीन ग्रामों में जल प्रदाय व्यवस्था हेतु बजट में प्रावधान किया गया है।
ग्राम विकास
-महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 1603 करोड़ का प्रावधान।छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 2021-22 में 4 सौ करोड़ का प्रावधान।
- कैम्पा मद से वन क्षेत्र में 2021-22 में भी 392 करोड़ की लागत से 441 नालों का चयन कर जल संरक्षण कार्य किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में छत्तीसगढ़ राज्य द्वितीय स्थान पर है। इस योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 15 सौ करोड़ का प्रावधान।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना हेतु इस वर्ष 4 सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत आगामी तीन वर्षों के लिये राज्य को 5 हजार 612 किलोमीटर की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। योजना हेतु इस वर्ष 2 हजार 67 करोड़ का बजट प्रावधान।
- किसानों को खेतों तक आवागमन की सुविधा देने के लिये कच्चे धरसा को पक्के मार्ग में बदलने के लिये मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिये बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आधुनिक प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के विस्तार के लिये 235 करोड़ का बजट।
- खनिजों का अवैध उत्खनन रोकने के लिये आधुनिक स्पेस टेक्नॉलॉजी एवं रिमोट सेंसिंग इमेज के माध्यम से माइनिंग सर्विलांस सिस्टम लागू किया गया है।
छत्तीसगढ़ी कला, संस्कृति एवं पर्यटन का विकास
-राज्य की पुरातात्विक धरोहरों के अध्ययन, खोज एवं संधारण कार्यों को गति देने के लिये पुरातत्व विभाग के पृथक संचालनालय का गठन किया जायेगा।
- छत्तीसगढ़ से संबंधित अभिलेखों के संधारण एवं प्रदर्शन हेतु अभिलेखागार भवन निर्माण के साथ-साथ डिजिटाइजेशन एवं मोबाइल एप्प का विकास किया जायेगा।
-इन सभी कार्यों के लिए 2021-22 के बजट में 6 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-नवा रायपुर में भारत भवन, भोपाल की तर्ज पर छत्तीसढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र का निर्माण किया जायेगा।
-मानव विकास का क्रम, रहन-सहन, तीज-त्यौहार, प्राचीन कला, परंपरागत विधाओं के प्रदर्शन हेतु मानव संग्रहालय के निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-छत्तीसगढ़ी लोक कला एवं नृत्यों के संरक्षण तथा संवर्धन हेतु लघु फिल्म, डॉक्यूमेन्ट्री तथा अन्य कार्यों हेतु 2021-22 में 2 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। - जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवद्र्धन हेतु ‘छायांकित अभिलेखीकरण श्रृंखलाÓ के अंतर्गत कमार, अबूझमाडिय़ा, बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, भुंजिया एवं पण्डो जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों सहित कुल 35 जनजातियों की जीवनशैली पर आधारित फोटो हैण्डबुक्स का प्रकाशन किया गया है।
-जनजातीय संस्कृति में आस्था के प्रतीक देवगुड़ी स्थल के निर्माण और संरक्षण के लिये 5 लाख तक का अनुदान दिया जायेगा। - शहीद वीरनारायण सिंह स्मारक एवं संग्रहालय के निर्माण हेतु 2021-22 में 5 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान रखा गया है।
- नवनिर्मित आदिवासी संग्रहालय की गैलरी में जनजातीय संस्कृति के प्रदर्शन की व्यवस्था हेतु 1 करोड़ का प्रावधान।
- श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ हेतु 2021-22 में 30 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
वन एवं पर्यावरण :
- 36 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिगड़े वनों के सुधार कार्य हेतु वर्ष 2021-22 में 257 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-नदियों के संरक्षण हेतु नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत 15 लाख पौधों के रोपण हेतु 7 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। - बेमेतरा जिले के परसदा एवं गिधवा ग्राम के आसपास स्थित विभिन्न जलाशयों एवं वेट लैण्ड को उत्कृष्ट ईको पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
शिक्षा के लिए ये प्रावधान
-119 नये अंग्रेजी माध्यम स्कूल 2021-22 के बजट में प्रस्तावित किये गये हैं।
- नवा रायपुर में स्व-वित्तीय मॉडल पर सर्व सुविधायुक्त राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिग स्कूल की स्थापना की जायेगी।
-इस स्कूल में पढऩे वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जायेगी। - कांकेर जिले में बी.एड. कॉलेज की स्थापना हेतु नवीन मद में 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-पढऩा-लिखना अभियान योजना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ 85 लाख का प्रावधान रखा गया है। - ग्राम नागपुर जिला कोरिया, ग्राम सन्ना जिला जशपुर, ग्राम बांकीमोंगरा जिला कोरबा, ग्राम नवागांव नवा रायपुर, रिसाली जिला दुर्ग, सारागांव जिला जांजगीर चाम्पा, पेण्ड्रावन जिला दुर्ग में नवीन महाविद्यालय तथा सूरजपुर, बलरामपुर एवं गोबरा नवापारा जिला रायपुर में नवीन कन्या महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
- 15 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के तथा 15 महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर के नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे।
- नारायणपुर, कोण्डागांव, महासमुंद, कोरबा, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में एक-एक बालक एवं कन्या छात्रावास की स्थापना के लिए नवीन मद में 2 करोड़ 80 लाख का प्रावधान रखा गया है।
- बलरामपुर में पिछड़ा वर्ग के लिये एक-एक नवीन प्री-मैट्रिक बालक एवं कन्या छात्रावास तथा पाटन जिला दुर्ग में एक प्री-मैट्रिक अनुसूजित जाति बालक छात्रावास स्थापित किया जायेगा।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों के संचालन हेतु 371 करोड़ एवं विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों के लिए 281 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- निकुम जिला दुर्ग, भाठागांव जिला रायपुर, वटगन जिला बलौदाबाजार, आमदी जिला धमतरी, चिरको जिला महासमुंद तथा नरहरपुर जिला कांकेर स्थित शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन निर्माण किया जायेगा।
- ग्राम टेकारी, विकासखंड आरंग तथा ग्राम नेवरा विकासखंड तखतपुर में नवीन आई.टी.आई. की स्थापना की जायेगी।
- छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर परिसर में इनोवेशन हब की स्थापना हेतु 1 करोड़ 80 लाख तथा 40 पॉलीटेक्निक संस्थाओं में फर्नीचर मशीन तथा उपकरण के लिए 20 करोड़ 55 लाख का प्रावधान रखा गया है।
अधोसंरचना : विकास के पोषक - छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम द्वारा 5 हजार 225 करोड़ की लागत के 3 हजार 900 किलोमीटर लंबी सड़कों एवं पुल-पुलिया के निर्माण का कार्य किया जायेगा। इन कार्यों के लिये निगम को बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के अंतर्गत पहुंच विहीन शासकीय भवनों तथा कार्यालयों को पहुंच मार्ग से जोडऩे का प्रावधान किया गया है। 255 करोड़ की लागत से 2 हजार 195 सड़क कार्य स्वीकृत किये गए हैं। वर्ष 2021-22 के बजट में 100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से फेज-3 परियोजना में 826 किलोमीटर लंबाई के 24 मार्गों का निर्माण कार्य प्रगति पर है एवं फेज़-4 परियोजना के अंतर्गत 1 हजार 275 किलोमीटर लंबाई के 31 मार्गों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। ए.डी.बी. सहायता वाली इन परियोजनाओं के लिये बजट में 940 करोड़ का प्रावधान। - वाहन दुर्घटनाओं में होने वाली जान-माल की क्षति को कम करने के लिये दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों एवं ब्लैक स्पॉट का चिन्हांकन कर सड़क सुरक्षा हेतु समस्त आवश्यक उपाय करने हेतु सड़क सुरक्षा निर्माण योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिये बजट में आवश्यक प्रावधान किया गया है।
- इस बजट में 12 नये रेलवे ओव्हर ब्रिज एवं अंडर ब्रिज तथा जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत 151 नवीन मध्यम पुलों के निर्माण के लिये 102 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 6 राज्य मार्ग, 5 शहरी मार्ग, 20 मुख्य जिला मार्ग तथा 435 ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु 310 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नाबार्ड की ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के अंतर्गत 119 ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु 92 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।
- नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर आवागमन सुविधा देने हेतु स्वीकृत 312 कार्यों में से 18 कार्य पूर्ण तथा शेष कार्य प्रगतिरत है। आगामी चरण में 104 सड़क एवं 16 पुल निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है। योजना के लिये बजट में 12 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
सिंचाई पर खास फोकस : - सिंचाई की 4 वृहद परियोजनाओं अरपा-भैंसाझार, केलो जलाशय, राजीव समोदा निसदा व्यपवर्तन एवं सोंढूर जलाशय हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 203 करोड़ का प्रावधान।
- वर्ष 2021-22 के बजट में 4 सूक्ष्म सिंचाई योजना, 5 सौर सूक्ष्म सिंचाई योजना एवं 8 उद्वहन सिंचाई योजनाओं हेतु नवीन मद में प्रावधान किया गया है।
- वृहद, मध्यम एवं लघु बांधों के पुनर्वास एवं सुधार कार्य हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 70 करोड़ का प्रावधान
- अहिरन-खारंग लिंक, छपराटोला फीडर जलाशय, रेहर-ऐटम (झिंक) लिंक परियोजना के लिये निगम को 5 करोड़ की सहायता दी जायेगी।
स्वच्छ पेयजल
- पेयजल हेतु घरों तक नल कलेक्शन की सुविधा देने के लिए जल जीवन मिशन योजना में 850 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
- नलकूपों के अनुरक्षण हेतु 106 करोड़ तथा पाईप द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना में 32 करोड़ एवं ग्रामों में पेयजल प्रदाय के लिए 70 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-मिनीमाता अमृतधारा नल योजना में 11 करोड़ एवं गोठानों मेें नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
उद्योग : फूड पार्कों के लिए 50 करोड़
नवीन फूडपार्क की स्थापना हेतु 110 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन और 45 विकासखण्डों में भूमि का अधिपत्य उद्योग विभाग को प्राप्त हो चुका है। इस योजना हेतु बजट में 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-राज्य में 350 करोड़ की लागत से पंडरी जिला रायपुर में 10 एकड़ भूमि पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क की स्थापना की जा रही है।
-नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु 65 करोड़ तथा औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना उन्नयन कार्य हेतु 10 करोड़ का प्रावधान।
-विद्युतीकृत ग्रामों के शेष रह गये पारा-टोलों तक विद्युत लाइन पहुंचाने के लिये मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना में 45 करोड़।
- नदियों के तट पर स्थित खेतों को सिंचाई की सुविधा देने के लिये नदियों के किनारे-किनारे विद्युत लाइन के विस्तार का कार्य किया जायेगा।
-मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत नवीन सबस्टेशन निर्माण, ट्रान्सफार्मर क्षमता वृद्धि तथा लाइन विस्तार के कार्यों के लिये 25 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-औद्योगिक क्षेत्रों में सुपरवाइजरी कन्ट्रोल के लिये स्काडा योजना में 50 करोड़ का प्रावधान है। - शहरी क्षेत्र के विद्युतीकरण कार्यों के लिये मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना में 100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
सोयटियों को एकमुश्त 50-50 हजार
-बायो एथेनॉल उत्पादन के अनुसंधान कार्य हेतु ग्राम गोढ़ी जिला बेमेतरा में प्रदर्शनी संयंत्र की स्थापना की जायेगी। संयंत्र में जैव ईंधन के उत्पादन के लिये अतिशेष धान अथवा मक्का इत्यादि कच्ची सामग्री का उपयोग किया जायेगा।
-समितियों में धान उपार्जन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिये प्रत्येक समिति को 50 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता दी जायेगी। इसके लिये 2021-22 के बजट में 3 करोड़ 63 लाख का प्रावधान रखा गया है।