CG Black Fungus: ब्लैक फंगस के 79 रोगियों के जटिल ऑपरेशन, चार के तो ब्रेन तक पहुंचा, Aiims डायरेक्टर नागरकर बोले- इस साल…
–CG Black Fungus: आठ वार्ड और पांच ऑपरेशन थियेरटर ब्लैक फंगस के लिए आरक्षित, 24 घंटे ऑपरेशन
-सात विभागों के 100 चिकित्सक तैनात, प्रत्येक बुधवार को ब्लैक फंगस का स्पेशल क्लीनिक
-एम्फोटेरेसिन-बी के 600 वॉयल मिले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से, कमी दूर करने की कोशिश
रायपुर/नवप्रदेश। CG Black Fungus: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में म्यूकोर माइकोसिस के चार जटिल ऑपरेशन पिछले एक सप्ताह में किए गए हैं। इन ऑपरेशन में आठ से 12 घंटे तक का समय लगा है। अब तक एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 79 रोगियों के ऑपरेशन कर म्यूकोर माइकोसिस का इलाज किया है जबकि अन्य रोगियों के ऑपरेशन की तैयारियां की जा रही हैं।
एम्स दिल्ली के बाद रायपुर में यह किसी केंद्रीय संस्थान द्वारा किए जा रहे ऑपरेशन की सर्वाधिक संख्या है। एम्स के सात विभागों के 100 से अधिक चिकित्सकों की टीम प्रतिदिन औसतन छह से सात म्यूकोर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के जटिल ऑपरेशन कर रही हैं।
इसके लिए पांच ऑपरेशन थियेटर चिन्हित कर इन रोगियों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों से बढ़ते रोगियों की संख्या को देखते हुए म्यूकोर माइकोसिस रोगियों के लिए आठ वार्ड बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त आईसीयू और कोविड वार्ड में भी ब्लैक फंगस के रोगियों को रखा जा रहा है।
चिकित्सकों की टीम का नेतृत्व निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर कर रहे हैं। प्रो. नागरकर ने बताया कि प्रदेश में पूर्व में भी एम्स द्वारा ब्लैक फंगस के रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इस वर्ष रोगियों की संख्या काफी अधिक हो गई है।
इसे देखते हुए ऑप्थोमोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, मेडिसिन, सर्जरी, एनेस्थिसिया सहित सात विभागों के 100 चिकित्सकों की टीम बनाई गई है जिसमें वरिष्ठ चिकित्सकों से लेकर जूनियर डाक्टर तक शामिल हैं। चिकित्सक प्रतिदिन छह से सात ऑपरेशन कर रहे हैं।
पिछले एक हफ्ते में स्कलबेस्ड एवं मस्तिष्क आधारित चार ऑपरेशन किए जा चुके हैं जिसमें ब्रेन के कुछ हिस्से में फैल गए ब्लैक फंगस को भी ठीक किया गया है। इनमें रायगढ़ का 30 वर्षीय, पचपेड़ी का 48 वर्षीय, धमतरी का 47 वर्षीय और बरला का 47 वर्षीय पुरुष रोगी शामिल हैं।
बढ़ते हुए रोगियों की संख्या को देखते हुए एम्स ने प्रत्येक बुधवार को म्यूकोर माइकोसिस का स्पेशल क्लीनिक शुरू कर दिया है जिसमें इस प्रकार के रोगियों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता
प्रो. नागरकर ने बताया कि रोगियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए एम्स, रायपुर को प्रतिदिन 600 एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की आवश्यकता है। अभी औसतन 200 इंजेक्शन मिल पा रहे हैं। इंजेक्शन न मिलने की स्थिति में इनके सबस्टीट्यूट से मदद ली जा रही है।
इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से भी एम्स निरंतर संपर्क में है और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव को भी इस संदर्भ में अवगत करा दिया गया है। एम्स को गत दिवस केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 600 वॉयल एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन दिए गए हैं।